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Times News Hindi,Digital Desk : पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बीच, भारत आज एक बड़े रक्षा सौदे पर हस्ताक्षर करने जा रहा है। भारत और फ्रांस के बीच दिल्ली में 63,000 करोड़ रुपये के इस समझौते के तहत भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमान खरीदे जाएंगे। यह सौदा भारत की क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती चुनौतियों का सामना करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

विशेषज्ञों के अनुसार, ये अत्याधुनिक राफेल विमान आईएनएस विक्रांत जैसे भारतीय विमानवाहक पोतों पर तैनात किए जाएंगे, जिससे नौसेना की सामरिक क्षमता में बड़ा इजाफा होगा। यह समझौता मौजूदा मिग-29के बेड़े की क्षमताओं को और मजबूत करने में मदद करेगा।

इस सौदे को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) ने इसी महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंजूरी दी थी। इस अनुबंध के तहत भारत 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर लड़ाकू विमान खरीदेगा। साथ ही समझौते में रखरखाव, लॉजिस्टिक्स सहायता, पायलट प्रशिक्षण और स्वदेशी घटकों के निर्माण का व्यापक पैकेज भी शामिल है।

हालांकि, फ्रांस के रक्षा मंत्री व्यक्तिगत कारणों से हस्ताक्षर समारोह में हिस्सा नहीं ले पाएंगे, लेकिन समझौते की प्रक्रिया तय कार्यक्रम के अनुसार पूरी की जाएगी। समारोह दिल्ली के साउथ ब्लॉक स्थित रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय के बाहर होने की संभावना है।

इस खरीद के साथ भारत के पास कुल राफेल लड़ाकू विमानों की संख्या बढ़कर 62 हो जाएगी। इससे पहले भारतीय वायु सेना ने 2016 में हुए समझौते के तहत 36 राफेल विमानों को शामिल किया था, जो अंबाला और हासीमारा में तैनात हैं।


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