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Times News Hindi,Digital Desk : साल 2025 में आम आदमी के लिए अच्छी खबर है। वर्ल्ड बैंक की नई रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में करीब 7% की गिरावट आने का अनुमान है। विशेष तौर पर अनाज के दामों में सबसे ज्यादा 11% तक कमी देखने को मिलेगी।

इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह चावल के दामों में अनुमानित 29% की भारी गिरावट होगी। भारत द्वारा चावल के निर्यात पर लगी पाबंदियां हटाने और बेहतर पैदावार होने से वैश्विक बाजार में चावल की आपूर्ति में बड़ा इज़ाफा हुआ है। भारत वैश्विक चावल निर्यात का लगभग 40% हिस्सा अकेले संभालता है, जिसके कारण वैश्विक बाजार में चावल की कीमतों में भारी गिरावट आएगी।

गेहूं और मक्का की कीमतों में भी थोड़ी गिरावट आएगी। गेहूं की पैदावार बेहतर रहने के बावजूद स्टॉक में कमी और खपत बढ़ने से इसकी कीमतों में बड़ी गिरावट नहीं होगी। वहीं, मक्का की कीमतें 2025-2026 में करीब 2% तक कम होने का अनुमान है। अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते ट्रेड तनाव और बायोफ्यूल की मांग में कमी इसका मुख्य कारण होगा।

सोयाबीन और उससे जुड़े उत्पादों में भी उल्लेखनीय गिरावट देखी जाएगी। रिकॉर्ड पैदावार और चीन की घटती खरीदारी के चलते सोयाबीन की कीमतें 17% तक गिर सकती हैं। वहीं, सोयामील की कीमतों में 16% तक और सोयाबीन तेल की कीमतों में हल्की गिरावट आएगी।

हालांकि, पाम ऑयल की कीमतों में वृद्धि देखने को मिलेगी। इंडोनेशिया में पाम ऑयल के बायोडीज़ल में इस्तेमाल बढ़ने और स्टॉक में कमी के कारण इसकी कीमतें करीब 6% तक बढ़ सकती हैं।

वर्ल्ड बैंक ने यह भी चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन या नई व्यापारिक प्रतिबंधों के चलते कीमतों के ये अनुमान प्रभावित हो सकते हैं। किसी भी अप्रत्याशित परिस्थिति में कीमतों में अचानक तेजी भी देखी जा सकती है।


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