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कोविड महामारी के पांच साल बाद, गूगल अब पूरी तरह से घर से काम करने वाले (रिमोट वर्कर्स) कर्मचारियों के खिलाफ सख्ती बरत रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी ने अपने कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे हफ्ते में कम से कम तीन दिन ऑफिस आकर हाइब्रिड मॉडल में काम करें। ऐसा न करने पर उनकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है।

NBC न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल के विभिन्न विभागों ने रिमोट वर्क करने वाले कर्मचारियों को नोटिस भेजना शुरू किया है। इसमें कहा गया है कि जो कर्मचारी ऑफिस नहीं आना चाहते, उनके पास नौकरी छोड़ने के लिए वॉलंटरी एग्जिट पैकेज (VEP) लेने का विकल्प है। हालांकि, गूगल ने स्पष्ट किया है कि यह फैसला पूरे संगठन के लिए नहीं, बल्कि अलग-अलग टीम स्तर पर लिया गया है।

विशेष तौर पर वे कर्मचारी जो कंपनी के कार्यालय से 50 मील (करीब 80 किलोमीटर) के दायरे में रहते हैं, उनके लिए हाइब्रिड मोड अपनाना अनिवार्य होगा। HR विभाग के कर्मचारियों को अप्रैल मध्य तक ऑफिस लौटने की समय-सीमा दी गई है, ऐसा न करने पर उनका पद समाप्त किया जा सकता है। वहीं जो कर्मचारी 50 मील से अधिक दूरी पर रहते हैं और पहले से रिमोट वर्क के लिए अधिकृत हैं, वे मौजूदा व्यवस्था जारी रख सकते हैं, परंतु कंपनी में अगर वे कोई नई भूमिका चाहते हैं तो उन्हें भी हाइब्रिड मोड अपनाना पड़ेगा।

कुछ टीमों को ऑफिस के करीब रहने के लिए कंपनी ने रिलोकेशन अलाउंस भी दिया है, जिससे कर्मचारियों को ऑफिस आने में सुविधा हो।

गौरतलब है कि गूगल ने 2025 की शुरुआत से ही अमेरिका स्थित फुल-टाइम स्टाफ को वॉलंटरी बायआउट पैकेज की पेशकश भी शुरू कर दी थी। इसका मुख्य कारण AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) क्षेत्र में भारी निवेश है, जिसके चलते कंपनी ऑपरेशनल खर्च घटा रही है। इससे पहले, साल 2023 में भी गूगल ने बड़े स्तर पर छंटनी की थी और बाद में भी कई टीमों में टार्गेटेड कटौती की गई।

फरवरी में गूगल के को-फाउंडर सर्गेई ब्रिन ने एक आंतरिक मेमो में कहा था कि AI की रेस में आगे रहने के लिए कर्मचारियों को हफ्ते में 60 घंटे ऑफिस में रहना चाहिए।


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