
Google ने हाल ही में वैंकूवर में आयोजित TED 2025 सम्मेलन में अपनी नवीनतम तकनीकी पहल का खुलासा किया—एक नया XR (Extended Reality) चश्मा प्रोटोटाइप। जबकि टेक जगत पहले ही Apple Vision Pro और Samsung के Project Moohan जैसे मिश्रित वास्तविकता हेडसेट्स को देख चुका है, अब कई दिग्गज कंपनियाँ जैसे Meta, Apple, Samsung, Snapchat और Google, हल्के, अधिक पहनने योग्य XR चश्मों के विकास में लगी हुई हैं। ये ऐसे दिखते हैं जैसे कोई आम चश्मा हो, लेकिन तकनीकी रूप से बेहद उन्नत हैं।
स्मार्टफोन से जुड़ता है यह Google XR चश्मा
Google का यह नया XR चश्मा प्रोटोटाइप विशेष रूप से स्मार्टफोन से जुड़कर काम करता है। यह चश्मा न केवल रीयल-टाइम अनुवाद कर सकता है, बल्कि “मेमोरी” नामक एक फीचर की मदद से हाल ही में देखे गए दृश्य और वस्तुओं को भी पहचान सकता है। इसका उद्देश्य उपयोगकर्ता को अधिक जानकारीपूर्ण और इंटरएक्टिव अनुभव प्रदान करना है, बिना भारी उपकरणों का बोझ डाले।
कैमरा, माइक्रोफोन और स्पीकर से लैस है यह डिवाइस
इस डिवाइस में कैमरा, माइक्रोफोन और स्पीकर जैसे फीचर्स मौजूद हैं, जिससे यह बहुआयामी कार्य कर सकता है। TED सम्मेलन के दूसरे दिन Google के XR विभाग के उपाध्यक्ष शाहराम इज़ादी ने इस चश्मे को पहनकर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने मंच पर बताया कि वह इस चश्मे के डिस्प्ले पर अपने भाषण के नोट्स देख रहे थे, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कितनी सहजता से काम करता है।
वास्तविक-जीवन स्थितियों में उपयोग के उदाहरण
इज़ादी के साथ एक अन्य Google कर्मचारी ने भी इस चश्मे को पहनकर इसकी क्षमताओं का प्रदर्शन किया। उन्होंने दिखाया कि यह कैसे किसी व्यक्ति के बारे में हाइकू बना सकता है, विभिन्न भाषाओं में पाठ का अनुवाद कर सकता है, संगीत को पहचान कर उसे स्मार्टफोन से जोड़कर YouTube Music पर चला सकता है। यह एक तरह से आपकी आंखों पर पहनने वाला सहायक बन जाता है।
'मेमोरी' फीचर: एक क्रांतिकारी कदम
इस चश्मे की सबसे दिलचस्प विशेषता है 'मेमोरी'। जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है, यह फीचर चश्मे के कैमरे से देखी गई वस्तुओं को याद रखता है और बाद में उनसे संबंधित प्रश्नों के उत्तर देने में सक्षम होता है। उदाहरण के लिए, अगर आपने किसी उत्पाद या स्थान को देखा था, तो बाद में आप चश्मे से उसके बारे में पूछ सकते हैं और यह जानकारी प्रदान कर सकता है।
प्रोसेसिंग स्मार्टफोन में होती है, जिससे हल्का रहता है डिवाइस
डिवाइस को हल्का रखने और इसकी बैटरी बचाने के लिए इसकी अधिकांश प्रोसेसिंग स्मार्टफोन पर ही होती है। चश्मा सिर्फ इनपुट और आउटपुट के लिए कार्य करता है, जबकि वास्तविक डेटा प्रोसेसिंग स्मार्टफोन करता है। इससे न केवल बैटरी बचती है बल्कि डिवाइस का आकार भी छोटा और हल्का रहता है।
एंड्रॉइड XR: एक नया प्लेटफॉर्म
Google पहले ही Wearables के लिए Android XR नामक नया ऑपरेटिंग सिस्टम लॉन्च कर चुका है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कंपनी XR तकनीक में लंबी दौड़ के लिए तैयार है। Samsung का आगामी मिक्स्ड रियलिटी हेडसेट इसी प्लेटफॉर्म पर चलेगा और उम्मीद की जा रही है कि यह एक जोड़ी XR चश्मों के साथ लॉन्च होगा।
भविष्य की योजना: कब आएंगे मार्केट में?
फिलहाल Google ने इस चश्मे के व्यावसायिक रूप से लॉन्च होने की कोई समय-सीमा नहीं दी है। लेकिन उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि इसे बाज़ार में आने में कुछ साल लग सकते हैं। Meta भी 2027 तक अपने Orion प्रोटोटाइप पर आधारित स्मार्ट ग्लास लॉन्च करने की योजना बना रहा है, और अन्य टेक ब्रांड भी जल्द ही अपनी पेशकश ला सकते हैं।
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