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Times News Hindi,Digital Desk : दुनियाभर में सोने की कीमतें तेजी से रिकॉर्ड ऊंचाइयों को छू रही हैं, जिसका सीधा असर चीन के बाजार में साफ नजर आ रहा है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 की पहली तिमाही में सोने ने 20 बार रिकॉर्ड स्तर हासिल किया है, और इसमें चीन का योगदान सबसे बड़ा रहा।

इस तिमाही के दौरान चीन में गोल्ड ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) में रिकॉर्ड 16.7 अरब युआन (लगभग 23 टन) का निवेश दर्ज किया गया। इसी के साथ कुल गोल्ड ETF होल्डिंग्स बढ़कर 138 टन तक पहुंच गई, जो इतिहास में अब तक का सर्वाधिक है। गोल्ड बार और सिक्कों की मांग भी 124 टन तक पहुंच गई, जो सालाना आधार पर 12% और पिछली तिमाही की तुलना में 48% की वृद्धि दर्शाती है।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के चीन प्रमुख रे जिया ने बताया कि व्यापारिक तनाव, मुद्रा के मूल्य में गिरावट और अन्य परिसंपत्तियों के खराब प्रदर्शन के चलते निवेशकों की रुचि सोने में तेजी से बढ़ी है। जिया के अनुसार, वैश्विक मंदी और केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं आने वाले समय में भी गोल्ड को निवेश के लिए आकर्षक बनाए रख सकती हैं।

हालांकि, निवेश की मांग बढ़ने के विपरीत गहनों की बिक्री में बड़ी गिरावट देखी गई है। पहली तिमाही में सिर्फ 125 टन गहने बिके, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे निचला स्तर है। यह बिक्री पिछले 10 साल के औसत से करीब 19% कम है। काउंसिल के अनुसार, उपभोक्ता अब भारी और महंगे गहनों के बजाय हल्के और किफायती गहनों की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जिनकी कीमत 2000-3000 युआन (लगभग ₹23,000-₹35,000) तक होती है। साथ ही, पुराने गहने बेचकर नया सोना खरीदने वालों की संख्या भी बढ़ी है।

चीन का यह ट्रेंड भारत जैसे बाजारों के लिए संकेत हो सकता है। अगर वैश्विक अनिश्चितता के चलते सोने की कीमतें ऊंची बनी रहती हैं, तो भारत में भी निवेश उत्पादों की मांग गहनों की तुलना में बढ़ सकती है।


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