
Times News Hindi,Digital Desk : Apple Inc के आगामी स्मार्टफोन iPhone 17 के लॉन्च पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कंपनी को चीन से आयात की जाने वाली आवश्यक मशीनरी की अनुमति मिलने में लगातार देरी का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति के चलते न केवल iPhone 17 का लॉन्च प्रभावित हो सकता है, बल्कि Apple की भारत में उत्पादन क्षमता बढ़ाने की योजना भी खतरे में पड़ सकती है।
Apple ने अमेरिका की बाजार मांग पूरी करने के लिए भारत से उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, ताकि चीन से आयात पर लगे भारी शुल्क से बचा जा सके। वर्तमान में अमेरिका चीन से आयातित स्मार्टफोन्स पर 20% शुल्क लगाता है, जबकि भारत से आयात पर अभी कोई शुल्क नहीं है। हालांकि, आने वाले तीन महीनों में भारत से होने वाले निर्यात पर 10% शुल्क लागू हो सकता है।
दूसरे सेक्टर्स भी आयात की देरी से परेशान
चीन से आयात की अनुमति मिलने में देरी का संकट सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर तक सीमित नहीं है। सुरंग निर्माण में इस्तेमाल होने वाली ड्रिलिंग मशीनें और सोलर एनर्जी सेक्टर की मशीनरी भी इसी देरी का सामना कर रही हैं। ये समस्याएं ऐसे वक्त में आई हैं, जब भारत सरकार सुरंगों के निर्माण समेत बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम कर रही है।
Apple की योजना प्रभावित होने की आशंका
इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के एक उच्चाधिकारी ने बताया, "Apple हर साल एक नया मोबाइल मॉडल लॉन्च करता है, जिसके लिए बड़ी संख्या में नई मशीनों की जरूरत पड़ती है। चीन से सेकंडहैंड मशीनरी के आयात पर सख्ती बढ़ने से ये दिक्कतें और भी बढ़ सकती हैं।"
इस समस्या से भारत में iPhone के उत्पादन क्षमता को दोगुना करने की Apple की योजना भी प्रभावित हो सकती है। कंपनी की योजना है कि 2025-26 तक उत्पादन को लगभग 27 अरब डॉलर तक पहुंचा दिया जाए, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यह लक्ष्य निर्धारित समय से पहले पूरा करने की योजना बनाई जा रही है।
उत्पादन क्षमता बढ़ाने के प्रयास जारी
इस वित्त वर्ष (2024-25) में Apple ने भारत से करीब ₹1.5 लाख करोड़ के iPhones निर्यात किए हैं। इस संख्या को और बढ़ाने के लिए कंपनी के वेंडर्स को जल्द ही चीन से पूंजीगत मशीनों का आयात करना होगा। Apple भारत में उत्पादन क्षमता का विस्तार कर रहा है, जिसके चलते टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और फॉक्सकॉन जैसे बड़े निर्माता पहले ही नई फैक्ट्रियों की स्थापना कर रहे हैं।
इसके अलावा, घरेलू इंजीनियरिंग कंपनियां भी Apple और उसके सहयोगी कंपनियों के लिए स्थानीय स्तर पर मशीनरी निर्माण में तेजी ला रही हैं, ताकि आयात निर्भरता को कम किया जा सके।
Read More: शेयर बाजार में बड़ा बदलाव: F&O ट्रेडिंग के एक्सपायरी नियमों पर SEBI ले सकता है बड़ा फैसला