
Times News Hindi,Digital Desk : पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने स्वीकार किया है कि पाकिस्तान का इतिहास आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने का रहा है। उन्होंने कहा कि देश ने अतीत में आतंकी समूहों की मदद की है, जिससे पाकिस्तान को खुद भी काफी नुकसान उठाना पड़ा। बिलावल भुट्टो ने यह बात 1 मई को स्काई न्यूज को दिए इंटरव्यू में कही।
उन्होंने कहा कि यह कोई छुपी हुई बात नहीं है कि पाकिस्तान आतंकवाद के विभिन्न चरणों से गुजरा है। अफगान युद्ध के दौरान मुजाहिदीनों को पश्चिमी देशों के सहयोग से आर्थिक और सैन्य मदद दी गई थी। भुट्टो ने कहा कि आतंकवाद हमारे इतिहास का दुर्भाग्यपूर्ण हिस्सा है, लेकिन अब पाकिस्तान ने इससे सबक लिया है और हालात बेहतर हो रहे हैं।
भुट्टो ने आतंकी संगठनों के खिलाफ पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाई और आंतरिक सुधारों को भी श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया।
इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी स्वीकार कर चुके हैं कि पाकिस्तान दशकों तक आतंकी संगठनों को प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और समर्थन देता रहा है। उन्होंने इसके लिए पश्चिमी देशों को भी जिम्मेदार ठहराया, जिन्होंने पाकिस्तान का उपयोग अपने हितों के लिए किया।
हाल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय दबाव में है। भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाते हुए कई कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल समझौते का निलंबन और वीजा सेवाओं को तत्काल रोकना शामिल है। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी भारतीय उड़ानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद करने और भारतीय नागरिकों के वीजा रद्द करने जैसे कदम उठाए हैं।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े टीआरएफ ने ली थी।
दोनों पाकिस्तानी नेताओं के ये बयान भारत के बढ़ते दबाव और आक्रामक नीति के कारण पाकिस्तान की चिंता और घबराहट को स्पष्ट रूप से उजागर करते हैं।