
Akshaya Tritiya 2025 : अक्षय तृतीया (आखा तीज) का पावन पर्व इस वर्ष 30 अप्रैल, बुधवार को मनाया जाएगा। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 29 अप्रैल मंगलवार की शाम 5:31 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन 30 अप्रैल बुधवार को दोपहर 2:12 बजे तक रहेगी।
पूजा और सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त
सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त:
30 अप्रैल सुबह 5:41 बजे से दोपहर 2:12 बजे तक
पूजा करने का शुभ मुहूर्त:
30 अप्रैल सुबह 5:41 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक
अक्षय तृतीया का महत्व
अक्षय तृतीया हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ दिन माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन किए गए कार्यों का फल कभी समाप्त नहीं होता और हमेशा अक्षय (अनंत) रहता है। नए कार्य की शुरुआत, विवाह, गृह प्रवेश, और सोना-चांदी की खरीदारी जैसे शुभ कार्य इस दिन करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।
पूजा में आवश्यक सामग्री
रोली, अक्षत
गुलाब, कमल, चमेली के फूल
धूप, दीप
नैवेद्य: मिठाई, फल, खीर या जौ का सत्तू
तुलसी दल
पीला चंदन, गंगाजल
पूजा विधि
स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
हाथ में जल, अक्षत, और फूल लेकर पूजा का संकल्प लें।
भगवान लक्ष्मी नारायण का ध्यान करें और उनका आह्वान करें।
पंचामृत से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का अभिषेक करें।
गंगाजल से स्नान कराएं।
प्रभु को लाल वस्त्र पहनाएं और उनका शृंगार करें।
भगवान विष्णु को पीला चंदन और देवी लक्ष्मी को कुमकुम का तिलक लगाएं।
भगवान और देवी पर प्रिय पुष्प अर्पित करें।
धूप और दीप जलाएं।
तुलसी दल के साथ सत्तू, खीर, मिठाई, और फल का भोग लगाएं।
निम्न मंत्रों का जाप करें:
"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय"
"ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमो नमः"
आरती करें, पूजा में हुई भूल-चूक के लिए क्षमा याचना करें, और प्रसाद बांटें।
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