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भारत में काम के घंटे हमेशा चर्चा का विषय रहे हैं। कुछ कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों के बयान, जिसमें कर्मचारियों को 15-17 घंटे तक काम करने की सलाह दी गई थी, ने इस बहस को और तेज कर दिया। लेकिन अब इस सबके बीच हफ्ते में 4 दिन काम और 3 दिन छुट्टी के नियम पर सहमति बनती दिख रही है।
क्या यह बदलाव भारत में भी संभव है?
ब्रिटेन की कई कंपनियां सप्ताह में 4 दिन काम के मॉडल को लागू कर रही हैं। इन कंपनियों का कहना है कि इससे न सिर्फ कर्मचारियों का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है, बल्कि उनकी उत्पादकता भी बढ़ती है।
आइए समझते हैं कि 4 दिन काम और 3 दिन छुट्टी के नियम के क्या फायदे हैं और भारत में इसे अपनाने की कितनी संभावना है।
1. सप्ताह में 4 दिन काम करने से कर्मचारियों को मिल रहा आराम
काम के घंटे कम करने से लोग अपने और अपने परिवार के लिए अधिक समय निकाल पा रहे हैं।
वर्क-लाइफ बैलेंस बेहतर होता है।
कर्मचारियों को तनाव और काम के दबाव से राहत मिलती है।
लोग अपनी पर्सनल लाइफ को ज्यादा एंजॉय कर पाते हैं और अपनी पसंदीदा एक्टिविटीज़ में समय बिता सकते हैं।
ब्रिटेन की कंपनियों का मानना है कि यह मॉडल अपनाने से कर्मचारी ज्यादा फ्रेश और खुश रहते हैं, जिससे उनका काम करने का उत्साह भी बढ़ता है।
2. वेतन में भी कोई कटौती नहीं
यूके की 200 से ज्यादा कंपनियों ने इस सिस्टम को अपनाया है और सप्ताह में 3 दिन की छुट्टी देने के बावजूद कर्मचारियों के वेतन में कोई कटौती नहीं की गई है।
यह बदलाव कैसे लागू हुआ?
इन कंपनियों में 5000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं।
कंपनियां मुख्य रूप से चैरिटी, मार्केटिंग और टेक्नोलॉजी सेक्टर से जुड़ी हैं।
गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, इन कंपनियों को कर्मचारियों की अधिक उत्पादकता और संतुष्टि देखने को मिली है।
इस मॉडल में कम समय में अधिक काम करने पर जोर दिया जाता है, जिससे कंपनियों का आउटपुट भी बेहतर हो रहा है।
3. उत्पादकता और कार्यकुशलता में हो रहा सुधार
कई स्टडीज यह साबित कर चुकी हैं कि लंबे समय तक काम करने से उत्पादकता घटती है।
5 दिन का वर्क पैटर्न पुराना हो चुका है।
पहले लोगों को दफ्तर जाने के लिए लंबी यात्रा नहीं करनी पड़ती थी और काम का ज्यादा दबाव भी नहीं था।
लेकिन आज के समय में तनाव और थकान ज्यादा बढ़ गई है, जिससे लोग जल्दी बर्नआउट महसूस करने लगते हैं।
4 दिन काम करने से क्या होगा?
✔ कर्मचारी खुश रहेंगे, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होगा।
✔ वे कम समय में ज्यादा उत्पादकता देंगे।
✔ कंपनी को अधिक मुनाफा मिलेगा, क्योंकि कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा।
4. क्या भारत में भी 4 दिन काम और 3 दिन छुट्टी का नियम लागू होगा?
भारत में कई कंपनियां पहले से ही हाइब्रिड वर्किंग और फ्लेक्सिबल वर्किंग मॉडल अपना रही हैं। लेकिन अभी तक हफ्ते में 4 दिन काम करने का नियम औपचारिक रूप से लागू नहीं किया गया है।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में भारत भी इस मॉडल को अपना सकता है।