
Stock Market Crash : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा नए टैरिफ घोषणाओं के चलते वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल मची हुई है। इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। आज के कारोबारी सत्र में सेंसेक्स (Sensex) करीब 1,400 अंकों की बड़ी गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है, जबकि निफ्टी (Nifty) 22,200 के स्तर से नीचे आ चुका है। बैंकिंग, फाइनेंशियल, ऑटो, एफएमसीजी, आईटी, फार्मा, मेटल और रियल एस्टेट जैसे सभी प्रमुख सेक्टरों के शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं।
बीएसई लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में 10 लाख करोड़ रुपये की गिरावट
शेयर बाजार में आई इस तेज गिरावट के कारण बीएसई (BSE) में सूचीबद्ध कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण में लगभग 10 लाख करोड़ रुपये की कमी दर्ज की गई है। 28 फरवरी को दोपहर 1:30 बजे तक बीएसई का कुल मार्केट कैप 3,83,36,555.20 करोड़ रुपये रह गया, जबकि 27 फरवरी को यह 3,93,10,210.53 करोड़ रुपये पर था।
ट्रेड वार की आशंका से बढ़ी बाजार की चिंता
ट्रम्प के नए टैरिफ फैसलों ने ट्रेड वार (व्यापार युद्ध) की चिंताओं को और गहरा कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने घोषणा की है कि कनाडा और मैक्सिको से आयातित वस्तुओं पर 25% शुल्क 4 मार्च से लागू होगा, जो पहले 2 अप्रैल से प्रभावी माना जा रहा था। इसके अलावा, चीन से आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त 10% शुल्क लगाने का भी ऐलान किया गया है। इन नीतियों से वैश्विक व्यापार युद्ध की संभावना बढ़ गई है, जिसके चलते बाजार में घबराहट देखी जा रही है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर वी. के. विजयकुमार के अनुसार, ट्रम्प की टैरिफ नीतियां बाजार में अनिश्चितता बढ़ा रही हैं। चीन पर 10% अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा इस रणनीति को दर्शाती है कि ट्रम्प पहले धमकी देकर अपने पक्ष में व्यापारिक समझौतों की दिशा में वार्ता करना चाहते हैं। अब बाजार की निगाहें चीन की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं, क्योंकि अमेरिका-चीन ट्रेड वार की बढ़ती आशंका वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा बन सकती है।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी
फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FIIs) ने 27 फरवरी को भारतीय बाजार में 556.56 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। फरवरी माह में अब तक FIIs ने कुल 47,349 करोड़ रुपये की बिकवाली की है, जबकि इस पूरे वर्ष में अब तक वे 1,13,721 करोड़ रुपये की इक्विटी बेच चुके हैं। जनवरी 2025 में FIIs ने 78,027 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की थी।
वैश्विक बाजारों में भी गिरावट
ट्रम्प की टैरिफ घोषणाओं के बाद अमेरिकी शेयर बाजारों में भी गिरावट दर्ज की गई। गुरुवार को Dow Jones Industrial Average 194 अंक गिरकर 43,239.50 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि NASDAQ Composite में 531 अंकों की बड़ी गिरावट के साथ यह 18,544.42 के स्तर पर पहुंच गया। वहीं, S&P 500 इंडेक्स 94 अंक टूटकर 5,861.57 पर बंद हुआ।
एशियाई बाजारों पर भी इसका प्रभाव देखने को मिला। GIFT NIFTY में 1.81% की गिरावट, Nikkei 225 में 2.89% की गिरावट, हैंगसेंग में 3.65% की कमजोरी और कोस्पी में 3.51% की गिरावट दर्ज की गई। शंघाई कंपोजिट भी 2.02% कमजोर रहा।
हर सेक्टर में गिरावट, आईटी शेयरों पर सबसे ज्यादा असर
भारतीय बाजार में लगभग सभी सेक्टरों में गिरावट देखी जा रही है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में करीब 1.90% की कमजोरी आई है। आईटी इंडेक्स 4% तक गिर चुका है, जबकि बैंक निफ्टी में 1.3% की गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप इंडेक्स में 2.85% और स्मॉलकैप इंडेक्स में 3% से अधिक गिरावट देखी जा रही है।
आईटी कंपनियों पर इस गिरावट का सबसे अधिक असर पड़ा है। Mphasis और Tech Mahindra के शेयर 5.6% तक लुढ़क गए, Wipro में 5% की गिरावट आई, जबकि TCS और Infosys के शेयरों में 3.5% की गिरावट दर्ज की गई। HCL Technologies के शेयरों में भी 3.5% की कमजोरी देखी गई।