भीष्म अष्टमी 2025: पितृ दोष से मुक्ति का पावन दिन
हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले पंचांग देखना शुभ माना जाता है। आज 5 फरवरी 2025 को माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है, जिसे भीष्म अष्टमी के रूप में मनाया जाता है।
पौराणिक मान्यता:
- धर्म ग्रंथों के अनुसार, भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने के बाद इसी दिन अपने प्राण त्यागे थे।
- इस दिन तिल, जल और कुश से तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पाप नष्ट हो जाते हैं।
- यह दिन पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने और मोक्ष प्राप्ति के लिए विशेष महत्व रखता है।
गणेश जी की कृपा पाने और कुंडली में बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए
हरी मूंग दाल और चावल का दान करें।
आज का पंचांग (5 फरवरी 2025)
तिथि:
अष्टमी (5 फरवरी 2025, प्रातः 2:30 - 6 फरवरी 2025, प्रातः 12:35)
पक्ष: शुक्ल
वार: बुधवार
नक्षत्र: भरणी
योग: शुक्ल, सर्वार्थ सिद्धि, रवि योग
सूर्योदय: सुबह 7:08
सूर्यास्त: शाम 6:03
चंद्रोदय: सुबह 11:20
चंद्रास्त: प्रातः 1:30, 6 फरवरी
दिशा शूल: उत्तर
चंद्र राशि: मेष
सूर्य राशि: मकर
आज के शुभ मुहूर्त (5 फरवरी 2025)
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:29 - सुबह 6:18
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:13 - दोपहर 12:56
गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:28 - शाम 5:55
विजय मुहूर्त: दोपहर 1:59 - दोपहर 2:44
अमृत काल मुहूर्त: दोपहर 3:03 - शाम 4:34
निशिता काल मुहूर्त: रात 12:07 - प्रातः 1:00, 6 फरवरी
आज के अशुभ मुहूर्त (5 फरवरी 2025)
यमगण्ड काल: सुबह 8:29 - सुबह 9:51
गुलिक काल: सुबह 11:13 - दोपहर 12:35
भद्रा काल: सुबह 7:07 - दोपहर 1:31
आडल योग: रात 8:33 - सुबह 7:06, 6 फरवरी
ज्वालामुखी योग: रात 8:33 - प्रातः 12:35, 6 फरवरी