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देश में अब सिर्फ सोने में निवेश का दौर नहीं रहा। हाल के वर्षों में अमीर और युवा वर्ग तेजी से प्लैटिनम और हीरे के आभूषणों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। ये रुझान सिर्फ फैशन या दिखावे का हिस्सा नहीं, बल्कि एक सोच-समझकर किया गया निवेश बनते जा रहे हैं। प्लैटिनम और हीरे दोनों को अब विशिष्टता, लक्जरी और दीर्घकालिक निवेश के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।

प्लैटिनम और हीरे को लेकर बढ़ती दिलचस्पी

भारत में पारंपरिक रूप से सोना ही सबसे भरोसेमंद निवेश विकल्प रहा है। लेकिन समय के साथ निवेश की सोच में भी बदलाव आया है। अब अमीर और युवा निवेशक कुछ नया, विशिष्ट और ग्लोबल ट्रेंड्स से मेल खाता हुआ विकल्प चाहते हैं। यही कारण है कि प्लैटिनम और हीरे जैसे विकल्प तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।

क्यों बढ़ रहा है इन धातुओं का चलन?

कामा ज्वेलरी की उपाध्यक्ष (बिक्री) सिमरन शाह के मुताबिक, प्लैटिनम और हीरे की ओर झुकाव के पीछे कई सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक कारण हैं। उन्होंने बताया कि इन धातुओं की दुर्लभता उन्हें और भी खास बनाती है। जहां प्लैटिनम सोने की तुलना में कहीं ज्यादा दुर्लभ है, वहीं हीरे को सुंदरता और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। यही कारण है कि इन धातुओं को गिफ्ट और निवेश दोनों रूपों में तेजी से अपनाया जा रहा है।

इसके अलावा, आज की युवा पीढ़ी अधिक ग्लोबल सोच रखती है। वे सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय फैशन और जीवनशैली के रुझानों से भी प्रभावित होते हैं। ऐसे में प्लैटिनम और हीरे उनके लिए स्टेटस सिंबल बनते जा रहे हैं।

प्लैटिनम: सिर्फ आभूषण नहीं, एक व्यावसायिक विकल्प भी

प्लैटिनम की खासियत सिर्फ इसकी चमक या कीमत नहीं है, बल्कि इसका औद्योगिक उपयोग भी इसे और अधिक महत्वपूर्ण बनाता है। ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में भी इसका उपयोग होता है, जिससे इसकी मांग में लगातार इजाफा हो रहा है।

ग्रांड व्यू रिसर्च के अनुसार, 2024 में भारत का प्लैटिनम ज्वेलरी बाजार करीब 7,500 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है, और 2030 तक इसके 20,000 करोड़ रुपये को पार करने की उम्मीद है। वहीं, प्लैटिनम गिल्ड इंटरनेशनल के अनुसार, देश में हर साल इसकी मांग 15-20 प्रतिशत तक बढ़ रही है। 2024 के बजट में सीमा शुल्क में कटौती के बाद इसकी मांग में 18 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।

हीरे का आकर्षण: निवेश के साथ-साथ भावनाओं का जुड़ाव

हीरे के बारे में डी बीयर्स इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर अमित प्रतिहारी ने बताया कि अमीर वर्ग हीरे को सिर्फ एक आभूषण नहीं, बल्कि एक अनमोल एहसास के रूप में देखते हैं। खासकर जब बात उपहार देने की होती है, तो हीरे का चुनाव बेहद भावनात्मक निर्णय होता है। यह महिलाओं के आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है।

हीरे की कीमतों में समय के साथ स्थिरता और बढ़ोतरी देखी गई है, जिससे यह एक व्यवहारिक निवेश विकल्प बन चुका है। यह इक्विटी शेयर या सोने जैसी पारंपरिक संपत्तियों के साथ सीधे जुड़ा नहीं होता, जिससे जोखिम कम हो जाता है।

हीरे का बाजार भी लगातार बढ़ रहा है

2023 में भारत का हीरा आभूषण बाजार 8.5 अरब डॉलर का था, जो 2031 तक 17 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। यह पिछले कई सालों से लगभग 15 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ रहा है। जोया अलुक्कास ग्रुप के चेयरमैन जोय अलुक्कास ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में अमीर खरीदारों के बीच प्लैटिनम और हीरे के आभूषणों की मांग में भारी बढ़ोतरी हुई है।

सोना: निवेश की पहली पसंद क्यों बना हुआ है?

हालांकि प्लैटिनम और हीरे की लोकप्रियता बढ़ रही है, फिर भी सोना आज भी भारत में सबसे विश्वसनीय निवेश माना जाता है। सिमरन शाह का कहना है कि सोना जोखिम प्रबंधन का एक अहम जरिया है और हर निवेश पोर्टफोलियो में इसकी जगह बनी रहनी चाहिए। लेकिन आज के निवेशक अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने के लिए प्लैटिनम और हीरे को भी शामिल कर रहे हैं।

कीमती धातुओं में निवेश: क्या है सही तरीका?

शाह के अनुसार, प्लैटिनम में निवेश के लिए लोग भारत में मान्यता प्राप्त ज्वेलर्स से सिक्के और छड़ खरीद सकते हैं। ये लॉकर में रखे जा सकते हैं, जैसे कि सोना। हालांकि प्लैटिनम के सिक्के बाजार में सामान्यतः उपलब्ध नहीं होते हैं।

दूसरा तरीका है – एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETFs) या एनसीडीईएक्स के माध्यम से वायदा अनुबंध में निवेश करना। यह तरीका अधिकतर अनुभवी कारोबारियों के लिए उपयुक्त होता है क्योंकि इसमें बाजार की अच्छी समझ और जोखिम उठाने की क्षमता जरूरी होती है।


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