
शुक्रवार को मध्य म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के झटके थाईलैंड तक महसूस किए गए। इन झटकों का सबसे भयावह असर बैंकॉक में देखने को मिला, जहां 33 मंजिला एक ऊंची निर्माणाधीन इमारत पल भर में ध्वस्त हो गई। ये हादसा इतना गंभीर था कि कुछ ही सेकंड में इमारत पूरी तरह से मलबे में तब्दील हो गई। अब तक इस दुर्घटना में 17 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, 32 घायल हैं और 83 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
इमारत में काम कर रहे मजदूरों की गई जान
मृतकों में से अधिकतर वे मजदूर हैं जो इस निर्माणाधीन इमारत की साइट पर काम कर रहे थे। भूकंप के दौरान वे लोग ऊपरी मंजिलों पर या मलबे के बीच फंस गए। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है। बचावकर्मी भीषण गर्मी में लगातार काम कर रहे हैं, ताकि मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। थर्मल इमेजिंग तकनीक से लैस ड्रोन की मदद से कम से कम 15 लोगों की संभावित उपस्थिति मलबे के नीचे दर्ज की गई है, जिनके जीवित होने की उम्मीद जताई जा रही है। अब तक आठ शवों को बाहर निकाला जा चुका है।
चीन की कंपनी की बनी इमारत पर उठे सवाल
इस दुर्घटना में एक और अहम पहलू सामने आया है, जिससे अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जो इमारत गिरी, वह चीन की एक कंपनी द्वारा बनाई जा रही थी। यह इमारत तीन वर्षों से निर्माणाधीन थी और इसकी लागत करीब दो अरब बाथ (लगभग 45 मिलियन पाउंड) बताई जा रही है। भूकंप का असर थाईलैंड की कई अन्य ऊंची इमारतों पर नहीं पड़ा, जिससे इस एकमात्र गिरने वाली इमारत की गुणवत्ता को लेकर संदेह और गहरा गया है।
जांच के आदेश, निर्माण में लापरवाही की आशंका
थाईलैंड के उप प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नविराकुल ने हादसे को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दे दिए हैं। एक विशेषज्ञ पैनल को इस इमारत के गिरने के कारणों की समीक्षा के लिए नियुक्त किया गया है, जिसे सात दिनों में अपनी रिपोर्ट पेश करनी है। जांच का फोकस इस बात पर है कि क्या निर्माण में गुणवत्ता मानकों की अनदेखी की गई थी या फिर भूकंप जैसी आपदा के लिए उचित संरचनात्मक तैयारी नहीं की गई थी।
संयुक्त उद्यम में चीन की कंपनी की अहम भूमिका
ब्रिटेन की टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, यह इमारत एसएओ बिल्डिंग नामक एक परियोजना का हिस्सा थी, जिसे इटैलियन-थाई डेवलपमेंट पीएलसी (ITD) और चाइना रेलवे नंबर 10 (थाईलैंड) लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया जा रहा था। चीन की कंपनी, चाइना रेलवे नंबर 10 इंजीनियरिंग ग्रुप की यह सहयोगी इकाई इस प्रोजेक्ट में 49% की हिस्सेदारी रखती है, जो थाईलैंड में विदेशी स्वामित्व की अधिकतम सीमा है।