img

Tech News : भारत का स्मार्टफोन उद्योग इन दिनों तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है, और इस वृद्धि के बारे में नथिंग के संस्थापक और सीईओ, कार्ल पेई, ने हाल ही में कुछ महत्वपूर्ण विचार साझा किए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने भारत के स्मार्टफोन उद्योग के भविष्य के बारे में अपनी राय दी और इसकी तुलना चीन के स्मार्टफोन उद्योग से की। पेई का मानना है कि भारत में स्मार्टफोन उद्योग एक महत्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रहा है और यह दुनिया के सबसे बड़े स्मार्टफोन हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

भारत में स्मार्टफोन उद्योग की संभावनाएँ

पेई ने अपनी पोस्ट में कहा कि स्मार्टफोन उद्योग में एक बड़ी क्रांति आने वाली है और इसमें भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। उनका मानना है कि चीन में जिस स्थिति में स्मार्टफोन उद्योग दस साल पहले था, आज भारत वहीं खड़ा है। भारत में स्मार्टफोन उद्योग के लिए सभी जरूरी तत्व मौजूद हैं - स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के सरकारी प्रयास, मजबूत तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र और एक तेजी से बढ़ता उपभोक्ता आधार।

कार्ल पेई ने यह भी बताया कि भारतीय सरकार भारतीय मोबाइल ब्रांडों को वैश्विक स्तर पर उभारने के लिए अपनी योजनाओं को आगे बढ़ा रही है। इससे भारत की स्मार्टफोन उद्योग में वैश्विक स्थिति और भी मजबूत होगी और आने वाले समय में यह उद्योग एक अंतरराष्ट्रीय पावरहाउस बन सकता है।

भारत में नथिंग की सफलता

नथिंग कंपनी, जिसे कार्ल पेई ने स्थापित किया है, भारत के स्मार्टफोन बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बन चुकी है। कंपनी की 2024 की तीसरी तिमाही में शिपमेंट में 510 प्रतिशत की अविश्वसनीय वृद्धि देखी गई, जो इसे सबसे तेजी से बढ़ने वाली कंपनियों में से एक बनाती है। यह सफलता खास तौर पर महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत में चीनी कंपनियां प्रमुख हैं और लगभग 80 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी रखती हैं। फिर भी, नथिंग ने भारतीय बाजार में अपनी पहचान बनाई है और अब कंपनी भारत में अपनी स्थिति और भी मजबूत करने की योजना बना रही है।

भारत का स्मार्टफोन उद्योग: एक अभूतपूर्व वृद्धि

भारत का स्मार्टफोन उद्योग पिछले कुछ वर्षों में अत्यधिक तेजी से बढ़ा है। 2014-15 में भारत अपनी घरेलू जरूरतों के लिए केवल 25 प्रतिशत मोबाइल का उत्पादन कर पाता था, लेकिन 2018-19 आते-आते यह आंकड़ा बढ़कर मांग के अनुरूप उत्पादन करने की स्थिति में आ गया।

वित्तीय वर्ष 2015 में भारत का मोबाइल विनिर्माण मूल्य महज 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, लेकिन अब अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2024 तक यह लगभग 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा। इस बढ़ोतरी के साथ-साथ भारत में मोबाइल निर्यात में भी अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। 2022-23 में मोबाइल निर्यात में साल दर साल 91 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के सरकारी प्रयास

भारत में स्मार्टफोन विनिर्माण के क्षेत्र में तेजी से बदलाव आ रहा है, और इसके पीछे भारतीय सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं। सरकार ने स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं, जिनमें "मेक इन इंडिया" जैसी योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य भारत में स्मार्टफोन उत्पादन को बढ़ावा देना है, ताकि देश की उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो सके और विदेशों से आयात की निर्भरता कम हो सके।

सरकार ने मोबाइल कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आकर्षक प्रोत्साहन भी दिए हैं। इससे भारत में स्मार्टफोन कंपनियों का निवेश बढ़ा है और विदेशी कंपनियां भी भारत में उत्पादन स्थापित करने के लिए उत्साहित हैं। इस कदम से न सिर्फ स्थानीय उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।

भारत की बढ़ती उपभोक्ता मांग और चीन से तुलना

भारत में स्मार्टफोन की उपभोक्ता मांग लगातार बढ़ रही है, और कार्ल पेई इसे एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देख रहे हैं। वे बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में भारतीय उपभोक्ताओं के स्मार्टफोन की मांग में तेजी आई है, और अब यह एक प्रमुख वैश्विक बाजार बन चुका है। चीन, जो पहले स्मार्टफोन उद्योग का प्रमुख केंद्र था, अब भारत के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धी बन गया है।

चीन में जहां स्मार्टफोन बाजार का विस्तार लगभग स्थिर हो चुका है, वहीं भारत में यह तेजी से बढ़ रहा है। चीन में पिछले दस सालों में जो विकास हुआ, वही अब भारत में हो रहा है। पेई का कहना है कि भारत में स्मार्टफोन उद्योग की वृद्धि की क्षमता बहुत बड़ी है और यह आने वाले वर्षों में और भी तेज़ी से बढ़ेगा।

भारत का स्मार्टफोन उद्योग और भविष्य की दिशा

भारत का स्मार्टफोन उद्योग आने वाले समय में एक वैश्विक पावरहाउस बनने की दिशा में है। स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने, सरकारी प्रोत्साहनों, और बढ़ती उपभोक्ता मांग के साथ, भारत के स्मार्टफोन उद्योग के पास भविष्य में संभावनाओं की कोई कमी नहीं है।

कार्ल पेई का कहना है कि भारतीय स्मार्टफोन उद्योग में आने वाले समय में एक बड़ी क्रांति देखने को मिल सकती है। न केवल भारत अपनी घरेलू जरूरतों के लिए स्मार्टफोन का उत्पादन करेगा, बल्कि इसके निर्यात में भी लगातार वृद्धि होगी। इस बढ़ते उद्योग से वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति और मजबूत होगी, और आने वाले समय में भारत स्मार्टफोन का प्रमुख उत्पादक बन सकता है।