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Solar Eclipse 2025 : शनि अमावस्या का दिन हिंदू धर्म में अत्यंत खास माना जाता है। हर महीने की अमावस्या तिथि का अलग ही महत्व होता है, लेकिन जब अमावस्या शनिवार को पड़ती है, तो उसका धार्मिक और ज्योतिषीय प्रभाव और भी गहरा हो जाता है। इस बार 29 मार्च 2025 को ऐसा ही अद्भुत संयोग बन रहा है। इस दिन न सिर्फ चैत्र अमावस्या है, बल्कि साल का पहला सूर्य ग्रहण भी है और साथ ही शनि देव अपनी राशि बदलकर कुंभ से मीन राशि में प्रवेश कर रहे हैं।

इन तीनों बड़ी घटनाओं का एक साथ होना इसे एक दुर्लभ और शक्तिशाली दिन बना देता है। धार्मिक दृष्टिकोण से यह समय बहुत खास है और कुछ विशेष नियमों व उपायों का पालन करके हम शनि देव की कृपा पा सकते हैं। लेकिन वहीं, अगर इस दिन कुछ गलतियाँ हो जाएं, तो इसके दुष्परिणाम भी झेलने पड़ सकते हैं।

आइए जानते हैं, शनि अमावस्या पर किन बातों से बचना चाहिए और कौन-से उपाय करके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाई जा सकती है।

शनि अमावस्या पर न करें ये 4 काम

1. जीव-जंतुओं को परेशान करना

शनि अमावस्या पर जीवों के साथ दया और सहानुभूति रखना बहुत जरूरी होता है। खासकर गाय, कुत्ता और कौवा – ये तीन जीव शनि देव से विशेष रूप से जुड़े हुए माने जाते हैं। इन्हें परेशान करना या नुकसान पहुँचाना शनि देव के क्रोध को आमंत्रित कर सकता है।

यदि इस दिन आप किसी जानवर को तकलीफ़ पहुँचाते हैं, तो यह नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है।

शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन इन जीवों को खाना खिलाना शुभ होता है।

विशेष रूप से काले कुत्ते को रोटी खिलाना और कौए को चावल देना शनि दोष को शांत करता है।

शनि देव कर्मों के देवता हैं। जो जैसा करता है, वैसा फल पाता है। इसलिए इस दिन दया भाव से काम लें और पशु-पक्षियों के प्रति सहानुभूति रखें।

2. बुजुर्गों और महिलाओं का अपमान

इस दिन अपने माता-पिता, बुजुर्गों और महिलाओं का सम्मान करना अत्यंत जरूरी होता है। शनि अमावस्या पर उनके प्रति अपमानजनक व्यवहार करना सीधा शनि दोष को बढ़ावा देता है।

माता-पिता की सेवा और आशीर्वाद इस दिन विशेष रूप से फलदायी होती है।

बुजुर्गों के चरण स्पर्श करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

महिलाओं, खासकर मातृ स्वरूप स्त्रियों का अपमान करना महापाप के समान माना गया है।

इसलिए अगर जीवन में सुख, समृद्धि और शांति चाहिए, तो इस दिन अपने व्यवहार में विनम्रता और आदर बनाए रखें।

3. बाल, नाखून और दाढ़ी काटना

शनि अमावस्या जैसे पवित्र दिन शरीर के किसी भी हिस्से को काटना – जैसे बाल, नाखून या दाढ़ी – अशुभ माना जाता है। यह परंपरा केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि ऊर्जा और वातावरण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

ऐसा माना जाता है कि अमावस्या के दिन ब्रह्मांडीय ऊर्जा बहुत तीव्र होती है और शरीर के अंगों को काटने से नकारात्मक प्रभाव बढ़ सकता है।

बाल और नाखून काटने से कार्यों में विघ्न आने की संभावना बढ़ जाती है।

इससे शरीर की ऊर्जा कमजोर हो सकती है और मानसिक शांति में भी कमी आती है।

इसलिए इस दिन खुद को सहेजें, सजाएं नहीं। यह दिन साधना, ध्यान और शांति का है।

4. मांस, मदिरा और तामसिक भोजन से दूरी बनाएं

शनि अमावस्या पर सात्विकता और संयम का विशेष महत्व है। इस दिन मांसाहार, मदिरा, तामसिक भोजन और किसी भी प्रकार के व्यसन से पूरी तरह दूरी बनाए रखना चाहिए।

ऐसा करने से न केवल शरीर शुद्ध होता है, बल्कि मन भी शांत और स्थिर रहता है।

इस दिन झूठ, चोरी, कपट और लालच जैसे कर्म भी वर्जित माने गए हैं।

गलत तरीके से धन कमाना या किसी को धोखा देना शनि की नाराजगी को बढ़ा सकता है।

शनि देव कर्मों के हिसाब से फल देने वाले देवता हैं। इसलिए इस दिन संयमित जीवनशैली अपनाना सबसे उत्तम उपाय है।

शनि अमावस्या पर करें ये शुभ उपाय

शनि अमावस्या का दिन शनि देव की कृपा पाने का खास अवसर होता है। अगर सही तरीके से कुछ विशेष उपाय किए जाएं, तो जीवन की कई समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है।

जरूरतमंदों को दान दें: अन्न, वस्त्र, तेल, लोहे की वस्तुएं या काले तिल दान करने से शनि दोष कम होता है।

पीपल के पेड़ की पूजा करें: सुबह स्नान के बाद पीपल को जल चढ़ाएं, दीपक जलाएं और 7 परिक्रमा करें।

शनि मंदिर में तेल चढ़ाएं: सरसों के तेल में अपनी छाया देखकर शनि देव को अर्पित करें।

हनुमान चालीसा का पाठ करें: यह पाठ शनि के प्रभाव को संतुलित करता है क्योंकि हनुमान जी शनि देव को वश में करने वाले देव हैं।

सूर्य ग्रहण के दौरान ध्यान और जाप करें: ग्रहण काल में मंत्र जाप और ध्यान अत्यंत शुभ माना जाता है। यह आपकी आत्मिक शक्ति को बढ़ाता है और नकारात्मकता को दूर करता है।