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Namaaz on Road Ban : ईद और रमज़ान के आखिरी जुमे के मौके पर देश के कई हिस्सों में प्रशासन ने सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर विशेष तैयारियां की हैं। उद्देश्य साफ है—कहीं कोई अप्रिय घटना न हो, लोगों को किसी तरह की असुविधा न हो और साम्प्रदायिक सौहार्द बना रहे। पिछले वर्षों में कई स्थानों पर सड़कों पर नमाज पढ़े जाने की तस्वीरें सामने आई थीं, जिससे आवागमन में दिक्कत आती थी। इसी को ध्यान में रखते हुए अब प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि सड़क पर या छतों पर नमाज नहीं पढ़ी जाएगी।

संभल: सड़क और छत पर नमाज पढ़ने पर पाबंदी
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में प्रशासन ने साफ तौर पर कह दिया है कि सार्वजनिक स्थलों, खासकर सड़कों और छतों पर नमाज की अनुमति नहीं दी जाएगी। पुलिस प्रशासन का मानना है कि इससे ना केवल ट्रैफिक बाधित होता है, बल्कि हादसे की आशंका भी बनी रहती है। संभल के एएसपी श्रीश चंद्र ने बताया कि किसी को भी नियमों का उल्लंघन नहीं करने दिया जाएगा और ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मेरठ: अलविदा और ईद पर विशेष निगरानी, सड़क पर नमाज पर सख्ती
मेरठ प्रशासन ने भी साफ निर्देश जारी किए हैं कि अलविदा जुमे और ईद के मौके पर सड़क पर नमाज किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि किसी भी स्थान पर ऐसी सूचना मिलती है, तो नमाज अदा करने वालों और आयोजकों—दोनों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस और प्रशासन मिलकर निगरानी रखेंगे कि मस्जिदों के बाहर भीड़ न बढ़े और लोग तय स्थानों पर ही नमाज अदा करें।

हापुड़: धर्मगुरुओं की अपील—नमाज मस्जिदों में ही पढ़ें
हापुड़ में धार्मिक सौहार्द बनाए रखने के लिए स्थानीय मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी प्रशासन का साथ देते हुए अपील की है कि लोग सड़क पर नमाज न पढ़ें। हापुड़ शहर के मुफ्ती मकसूद आलम ने शहर की 52 मस्जिदों की सूची जारी की है जहां ईद की नमाज अदा की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि हर मस्जिद में पर्याप्त इंतजाम हैं और किसी को सड़क पर नमाज पढ़ने की ज़रूरत नहीं है। धर्मगुरुओं की यह पहल सामाजिक समरसता को और मजबूत करती है।

दिल्ली: विधायकों की सड़क पर नमाज पर आपत्ति
दिल्ली में भी यह मुद्दा चर्चा में है। मुस्तफाबाद के विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने हाल ही में बयान दिया कि सड़क पर नमाज के कारण यातायात में बाधा आती है, इसलिए इसे रोका जाना चाहिए। वहीं शकूरबस्ती से विधायक करनैल सिंह ने पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर सड़क पर नमाज पढ़ने पर आपत्ति जताई है और इस पर पाबंदी लगाने की मांग की है। उनका तर्क है कि सार्वजनिक सड़कों का उपयोग सभी नागरिकों का अधिकार है और इन्हें अवरुद्ध करना आमजन के अधिकारों का हनन है।

लखनऊ: मौलाना खालिद रशीद की अपील
लखनऊ में ईद और अलविदा नमाज को लेकर धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने लोगों से अपील की है कि वे मस्जिदों में ही नमाज पढ़ें। अगर एक मस्जिद में जगह न हो तो दूसरी मस्जिद का रुख करें, लेकिन सड़कों पर नमाज न अदा करें। उन्होंने लोगों से कानून व्यवस्था बनाए रखने और प्रशासन की गाइडलाइन का पालन करने का आग्रह किया है। उनका यह बयान इस बात को दर्शाता है कि धार्मिक जिम्मेदारियों के साथ नागरिक जिम्मेदारियों का भी ख्याल रखना जरूरी है।