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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि और चंद्रमा का योग हर राशि पर गहरा प्रभाव डालता है। मार्च 2025 में शनि और चंद्रमा की युति मीन राशि में बनेगी, जिससे कुछ राशियों को विशेष रूप से सावधान रहने की आवश्यकता है। यह घटना 29 मार्च 2025 को शाम 04:47 बजे होगी, जब चंद्रमा मीन राशि में प्रवेश कर चुके होंगे और शनि उसी राशि में गोचर करेंगे। आइए जानते हैं, इस महत्वपूर्ण संयोग का किन राशियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और उन्हें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
शनि-चंद्रमा युति का समय और प्रभाव
चंद्रमा का मीन राशि में प्रवेश: 28 मार्च 2025, शाम 04:47 बजे।
शनि का मीन राशि में गोचर: 29 मार्च 2025, रात 11:01 बजे।
शनि-चंद्रमा की युति: 29 मार्च 2025, शाम 04:47 बजे।
इस युति का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा, लेकिन कुछ राशियों को सावधान रहने की खास जरूरत है।
1. मेष राशि
नकारात्मक प्रभाव:
कार्यस्थल पर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
गलतफहमियों के कारण परिवार के सदस्यों के बीच तनाव बढ़ सकता है।
व्यवसाय में लिए गए गलत निर्णय आर्थिक नुकसान का कारण बन सकते हैं।
वैवाहिक जीवन में समस्याएं बढ़ सकती हैं।
परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य खराब होने की संभावना है।
क्या करें?
सोच-समझकर निर्णय लें।
विवादित मुद्दों पर प्रतिक्रिया देने से बचें।
स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।
2. मिथुन राशि
नकारात्मक प्रभाव:
पारिवारिक जीवन में तनावपूर्ण माहौल रहेगा।
अनावश्यक खर्चे बढ़ सकते हैं।
पुराने निवेश से भारी नुकसान हो सकता है।
उद्यमियों को कर्ज चुकाने में दिक्कतें आ सकती हैं।
बुजुर्गों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
क्या करें?
कर्ज लेने से बचें और अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण रखें।
बड़े आर्थिक निर्णय टालने की कोशिश करें।
परिवार के साथ समय बिताकर उनके तनाव को कम करने की कोशिश करें।
3. सिंह राशि
नकारात्मक प्रभाव:
घर का माहौल किसी करीबी रिश्तेदार के कारण बिगड़ सकता है।
व्यावसायिक जीवन में अचानक रुकावटें आ सकती हैं।
प्रमोशन या नई नौकरी मिलने में देरी हो सकती है।
व्यापार में निवेश करते समय सावधानी बरतें, क्योंकि आर्थिक नुकसान की संभावना अधिक है।
क्या करें?
व्यवसाय से जुड़े निर्णय जल्दबाजी में न लें।
परिवार में चल रहे तनाव को शांतिपूर्ण तरीके से हल करें।
आर्थिक योजना पर विशेष ध्यान दें।
शनि-चंद्रमा युति से बचाव के उपाय
ध्यान और प्रार्थना:
नियमित रूप से भगवान शिव की पूजा करें।
सोमवार और शनिवार को शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाएं।
दान और सेवा:
गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और दान करें।
शनिवार के दिन काले तिल, सरसों का तेल और लोहे का दान करें।
मंत्र जप:
"ॐ शं शनैश्चराय नमः" का 108 बार जप करें।
"ॐ चंद्राय नमः" का नियमित जाप मानसिक शांति और चंद्रमा के सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाने में मदद करता है।
सावधानीपूर्ण निर्णय:
इस अवधि में आर्थिक, पारिवारिक और व्यावसायिक मामलों में सोच-समझकर निर्णय लें।
कोई भी बड़ा निवेश करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।