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बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू : सोमवार को बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत हुई, लेकिन राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान भारी हंगामा देखने को मिला। खासतौर पर वन रैंक वन पेंशन (OROP) मुद्दे पर चर्चा के दौरान माहौल गरमा गया। रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री संजय सेठ ने इस विषय पर बयान दिया, जिससे विपक्षी सांसदों में असंतोष बढ़ गया।

जया बच्चन ने जताई नाराजगी
सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री जया बच्चन खासा नाराज दिखीं। जब मंत्री संजय सेठ ने सवालों के जवाब पढ़कर देने शुरू किए, तो जया बच्चन ने आपत्ति जताते हुए कहा, "क्या आप सारे सवालों के जवाब सिर्फ पढ़कर ही देंगे? तैयारी करके आना चाहिए था।"

उनके इस बयान पर उपसभापति हरिवंश ने स्पष्ट किया कि यह कोई सवाल नहीं, बल्कि उनका व्यक्तिगत विचार है। इसके बाद जया बच्चन अपनी सीट पर लौट गईं, लेकिन जाते-जाते तंज कसते हुए कहा, "इनको ओरिएंटेशन क्लास में भेजना चाहिए।"

पहले भी राज्यसभा में भड़क चुकी हैं जया बच्चन

यह पहली बार नहीं है जब जया बच्चन ने सदन में नाराजगी जाहिर की हो। इससे पहले भी वह गुस्से में आ चुकी हैं। एक बार जब उन्होंने यह दावा किया कि "बॉलीवुड देश में सबसे ज्यादा टैक्स देने वाली इंडस्ट्री है," तो एक अन्य सांसद ने आपत्ति जताई।

इसपर जया बच्चन भड़क गईं और कहा, "साबित करो कि हम सबसे ज्यादा टैक्स नहीं देते। क्या तुम जानना चाहते हो कि मैं कितना टैक्स देती हूं?" उन्होंने आगे कहा, "थियेटर में जाकर फिल्में देखने का खर्चा बढ़ गया है, लोग अब सिनेमाघरों में नहीं जाते। क्या आप इंडस्ट्री को खत्म करना चाहते हैं? कृपया इस पर विचार करें।"

उनके इस बयान पर जहां उनकी पार्टी के कुछ सांसदों ने समर्थन दिया, वहीं दूसरी तरफ कुछ सांसदों ने इस पर आपत्ति जताई, जिससे सदन में माहौल गरमा गया।

राज्यसभा में सोशल मीडिया दुरुपयोग और साइबर अपराधों पर चिंता

सोमवार को राज्यसभा में सदस्यों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते दुरुपयोग, साइबर अपराधों, बैंक धोखाधड़ी और अंधविश्वास से जुड़ी घटनाओं पर गंभीर चिंता जाहिर की।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद संजय सेठ ने शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाया और कहा कि "देश में साइबर अपराध और बैंक धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आम लोगों की गाढ़ी कमाई को ठगने के लिए नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं।"

उन्होंने इस तरह के अपराधों पर रोक लगाने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन की मांग की, जिससे मामलों का तेजी से निपटारा किया जा सके।