
Reliance Industries Share Price Decline : रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के शेयरों में बीते एक साल में लगभग 22% की गिरावट देखने को मिली है। सोमवार को ट्रेडिंग के दौरान यह शेयर 3.6% गिरकर 1,156 रुपये तक पहुंच गया, जो इसका 52-हफ्तों का सबसे निचला स्तर है। कोविड-19 महामारी के बाद यह पहली बार है जब RIL का शेयर 200-वीक मूविंग एवरेज (200-WMA) से नीचे गिरा है, जिसे निवेशकों के लिए एक चेतावनी संकेत माना जाता है। हालांकि, कंपनी के मजबूत फंडामेंटल्स अब भी निवेशकों को राहत दे रहे हैं।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली से दबाव में स्टॉक
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में गिरावट का एक प्रमुख कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा लगातार बिकवाली है। वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल और इमर्जिंग मार्केट्स से कैपिटल आउटफ्लो के चलते भारतीय शेयर बाजार पर दबाव बना हुआ है।
FIIs की भारी बिकवाली के कारण RIL का स्टॉक अपने ऑल-टाइम हाई से लगभग 28% गिर चुका है। ग्लोबल मार्केट में फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका, भू-राजनीतिक तनाव और डॉलर इंडेक्स में मजबूती जैसे कारण भी इसके पीछे माने जा रहे हैं। हालांकि, घरेलू निवेशकों (DIIs) और रिटेल निवेशकों की ओर से संभावित खरीदारी के संकेत भी मिल रहे हैं।
200-WMA से नीचे आने का क्या मतलब है?
मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान RIL के शेयर ने 200-WMA का स्तर तोड़ा था, लेकिन इसके बाद तेजी से रिकवरी देखी गई।
उस समय डिजिटल और रिटेल बिजनेस में भारी ग्रोथ के चलते स्टॉक में जबरदस्त उछाल आया था। अब सवाल यह है कि क्या वर्तमान में FIIs की बिकवाली और बाजार में अस्थिरता के बावजूद घरेलू निवेशक इसे खरीदारी के अवसर के रूप में देख सकते हैं?
गिरावट के बावजूद मजबूत फंडामेंटल्स
हालांकि RIL के शेयरों में भारी गिरावट आई है, लेकिन इसके फंडामेंटल्स अब भी मजबूत बने हुए हैं।
एनर्जी, टेलीकॉम और रिटेल जैसे विविध क्षेत्रों में कंपनी की मजबूत कैश फ्लो स्थिति बनी हुई है। न्यू एनर्जी और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे सेक्टर्स में कंपनी की आक्रामक रणनीति से भविष्य में ग्रोथ की उम्मीदें कायम हैं। ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने हाल ही में RIL के लिए 1660 रुपये का टारगेट देते हुए खरीदारी की सलाह दी थी। इस टारगेट का आधार रिटेल सेगमेंट की ग्रोथ, Jio की संभावित पब्लिक लिस्टिंग और O2C बिजनेस की प्रॉफिटेबिलिटी को माना गया है।
Q3FY25 में RIL का प्रदर्शन
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 16 जनवरी को वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही (Q3FY25) के नतीजे जारी किए, जो मजबूत प्रदर्शन को दर्शाते हैं।
नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 7.4% बढ़कर 18,540 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। ऑयल-टू-केमिकल (O2C) बिजनेस की प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार देखा गया। रिटेल सेगमेंट में भी मजबूत ग्रोथ दर्ज की गई।
क्या निवेशकों को यह गिरावट खरीदारी का मौका देती है?
लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए यह गिरावट खरीदारी का अच्छा अवसर हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो डॉलर-कॉस्ट एवरेजिंग (DCA) की रणनीति अपनाते हैं। हालांकि, शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स के लिए अभी बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।