भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 19 मई 2023 को 2000 रुपये के नोट को प्रचलन से हटा दिया था, और लगभग 98% से अधिक नोट वापस प्राप्त कर लिए गए थे। हालांकि, लगभग 4709 करोड़ रुपये की राशि के 2000 के नोट अभी भी कुछ नागरिकों के पास हैं। इससे पहले, 2016 में 1000 और 500 रुपये के नोट भी प्रचलन से हटा दिए गए थे। अब सोशल मीडिया पर अफवाहें फैल रही हैं कि 1000 रुपये के नए नोट जल्द ही बाजार में आ सकते हैं।
आरबीआई के मुताबिक, 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को पूरी तरह से प्रचलन से हटा दिया गया है। हालांकि, अब भी कुछ नागरिकों के पास ये नोट मौजूद हैं, और कई बार लोगों के पास पुराने 1000 और 500 रुपये के नोट दिखाई दे जाते हैं। इस संदर्भ में आरबीआई ने कुछ महत्वपूर्ण जानकारी जारी की है। आइए, इस पर पूरी जानकारी प्राप्त करते हैं।
RBI 1000 Note Circulation
आरबीआई ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि लगभग 98% 2000 रुपये के नोट वापस आ चुके हैं। लगभग 7500 करोड़ रुपये की राशि के नोट अब भी प्रचलन में हैं, जिन्हें बैंक तक जमा नहीं किया गया है। नोट जमा करने के लिए आरबीआई द्वारा एक समयसीमा तय की गई थी, जिसमें लोगों ने 2000 के पुराने नोटों के साथ-साथ 1000 के पुराने नोट भी जमा किए थे।
RBI का 1000 रुपये के नोट पर कोई प्लान नहीं
हाल ही में सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से फैल रही है कि आरबीआई जल्द ही 1000 रुपये के पुराने नोटों को फिर से प्रचलन में ला सकता है। हालांकि, आरबीआई ने ऐसी किसी योजना की पुष्टि नहीं की है। यह अफवाहें पूरी तरह से झूठी और भ्रामक हैं। आरबीआई ने आधिकारिक तौर पर स्पष्ट किया है कि 1000 रुपये के नोट को फिर से जारी करने की कोई योजना नहीं है।
कैश की समस्या अब नहीं होगी
आरबीआई ने यह भी बताया है कि डिजिटल पेमेंट में भारी वृद्धि के कारण अब नागरिकों को कैश की बहुत अधिक आवश्यकता नहीं होती। देशभर में नोटों की छपाई में भी कमी आई है, क्योंकि लोग अधिकतर लेन-देन डिजिटल माध्यम से करते हैं। इस वजह से कैश रखने की जरूरत पहले की तुलना में कम हो गई है।
नोट छापने की जरूरत नहीं महसूस हो रही
आरबीआई के अनुसार, डिजिटल पेमेंट के बढ़ते उपयोग को देखते हुए 1000 रुपये के नोटों की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि भविष्य में किसी प्रकार की नई गाइडलाइंस जारी होती हैं, तो आरबीआई इसे अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करेगा। फिलहाल, जितने नोट प्रचलन में हैं, उन्हीं का उपयोग करते हुए नागरिकों को अपने लेन-देन जारी रखने होंगे।
इस प्रकार, नागरिकों को इस तरह की अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए और केवल आरबीआई की आधिकारिक जानकारी पर ही भरोसा करना चाहिए।
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