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New Income Tax Bill 2025 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 पेश करते हुए 'नए आयकर विधेयक 2025' को लागू करने का प्रस्ताव रखा था। अब, खबरों के अनुसार, यह नया आयकर विधेयक 13 फरवरी 2025 (गुरुवार) को संसद में पेश किया जा सकता है। करदाताओं को इस विधेयक से कर ढांचे में महत्वपूर्ण सुधार और टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद है।

क्यों आ रहा है नया आयकर विधेयक 2025?

नया आयकर विधेयक 1961 के आयकर अधिनियम को बदलने के उद्देश्य से लाया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह विधेयक 622 पृष्ठों से अधिक लंबा होगा और इसे पहले ही 07 फरवरी 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है।

नया आयकर विधेयक 2025 के मुख्य उद्देश्य

इस विधेयक को लागू करने के पीछे सरकार के चार प्रमुख उद्देश्य हैं:
मुकदमेबाजी में कमी: करदाताओं और आयकर विभाग के बीच विवादों को कम करना।
कानूनी भाषा को सरल बनाना: आयकर अधिनियम के प्रावधानों को अधिक स्पष्ट और आसान करना।
अनावश्यक प्रावधान हटाना: पुराने और अप्रासंगिक कर प्रावधानों को हटाकर सिस्टम को सरल बनाना।
औपचारिकताओं में कमी: टैक्स सिस्टम को अधिक तेज़ और प्रभावी बनाना।

नया आयकर विधेयक 2025 की विशेषताएं

सादगी और पारदर्शिता: इस नए विधेयक में सरल भाषा का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे आम नागरिकों को कर नियमों को समझने में आसानी होगी।
कम धाराएं: उम्मीद की जा रही है कि नए नियमों में पुरानी धाराओं की संख्या 25-30% तक कम की जा सकती है।
करदाताओं के लिए राहत: टैक्स स्लैब में संभावित बदलाव से मध्यम और निम्न आय वर्ग को राहत मिल सकती है।

बजट 2025 में घोषित नए टैक्स स्लैब

वित्त मंत्री द्वारा बजट 2025 के दौरान प्रस्तावित नए टैक्स स्लैब इस प्रकार हैं:

आय (₹ में)कर दर (%)
4 लाख तककोई टैक्स नहीं
4 लाख से 8 लाख5%
8 लाख से 12 लाख10%
12 लाख से 16 लाख15%
16 लाख से 20 लाख20%
20 लाख से 24 लाख25%
24 लाख से अधिक30%

करदाताओं को क्या फायदा होगा?

निचले आय वर्ग को राहत: 4 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
सरल और पारदर्शी कर व्यवस्था: नए नियमों से टैक्स भुगतान आसान होगा।
कम कानूनी उलझनें: मुकदमेबाजी और अनावश्यक कर विवादों में कमी आएगी।
अधिक छूट की उम्मीद: मोदी सरकार इस विधेयक के साथ कुछ अतिरिक्त कर राहत की घोषणा कर सकती है।

क्या मोदी सरकार टैक्सपेयर्स को और राहत देगी?
आशा की जा रही है कि मोदी सरकार वित्त विधेयक 2025 के दौरान करदाताओं के लिए और रियायतें दे सकती है। अब सभी की निगाहें 13 फरवरी को पेश होने वाले नए आयकर विधेयक पर टिकी हैं।


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