
Ola Electric : ओला इलेक्ट्रिक इन दिनों सरकारी मंत्रालयों की नजर में है। भारी उद्योग मंत्रालय (MHI) और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने कंपनी से उसकी बिक्री रिपोर्ट और जरूरी व्यापार प्रमाणपत्रों को लेकर पूछताछ की है। कंपनी की ओर से यह जानकारी रेगुलेटरी फाइलिंग के ज़रिए साझा की गई है। मंत्रालयों ने कंपनी से ट्रेड सर्टिफिकेट से जुड़े नियमों के अनुपालन पर स्पष्ट जवाब मांगा है।
कानूनी कार्यवाही नहीं, कंपनी दे रही जवाब
कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि उसके खिलाफ अभी तक कोई कानूनी या नियामक कार्रवाई नहीं हुई है। ओला इलेक्ट्रिक ने कहा है कि वह मंत्रालयों की ओर से पूछे गए सवालों के जवाब देने की प्रक्रिया में है। यह मामला उस वक्त सामने आया जब फरवरी महीने के वाहन बिक्री और रजिस्ट्रेशन के आंकड़ों में भारी अंतर देखा गया।
सेल्स और रजिस्ट्रेशन के आंकड़ों में क्यों है अंतर?
ओला इलेक्ट्रिक का कहना है कि बिक्री और रजिस्ट्रेशन के आंकड़ों में फर्क रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के लंबित रहने की वजह से है। यानी कई वाहनों की बिक्री हो चुकी थी, लेकिन उनका रजिस्ट्रेशन समय पर नहीं हो पाया। यही वजह है कि दोनों आंकड़ों में मेल नहीं बैठ पाया।
चार राज्यों से मिले नोटिस, लेकिन स्थिति काबू में
ओला इलेक्ट्रिक ने यह भी बताया कि उसे चार राज्यों में अपने कुछ स्टोर्स के लिए ट्रेड सर्टिफिकेट को लेकर नोटिस मिले हैं। कंपनी ने भरोसा दिलाया है कि वह इन मुद्दों को हल करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और जरूरी कदम उठा रही है।
रजिस्ट्रेशन में देरी की असली वजह क्या थी?
कंपनी के अनुसार, फरवरी महीने में रजिस्ट्रेशन में देरी इसलिए हुई क्योंकि उन्होंने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को संभालने वाले दो नेशनल वेंडर्स के साथ अनुबंध समाप्त कर दिया था। यह निर्णय संचालन प्रणाली में सुधार लाने के मकसद से लिया गया था। हालांकि, इसका असर अस्थायी रूप से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पर पड़ा।
अब फिर से रफ्तार पकड़ रही है रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
इन सभी अड़चनों के बावजूद, ओला इलेक्ट्रिक का कहना है कि अब स्थिति में सुधार हो रहा है। रोज़ाना के रजिस्ट्रेशन की संख्या बढ़ रही है और कंपनी को उम्मीद है कि आने वाले समय में वह सभी चुनौतियों को पार कर लेगी। कंपनी ने यह भी भरोसा जताया है कि वह इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में अपनी पकड़ और विस्तार बनाए रखेगी।
शेयर बाजार में गिरावट
हालांकि कंपनी की कारोबारी चुनौतियों का असर उसके शेयर प्राइस पर साफ दिख रहा है। अगस्त में 157 रुपये की ऊंचाई पर पहुंचा ओला इलेक्ट्रिक का शेयर अब तक 60 प्रतिशत से अधिक गिर चुका है। निवेशकों में इस गिरावट को लेकर चिंता बनी हुई है, लेकिन कंपनी का दावा है कि उसकी बुनियादी स्थिति मजबूत है और वह हालात से निपटने में सक्षम है।
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