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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले 2025 के दौरान मौनी अमावस्या (29 जनवरी, बुधवार) को त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान के दौरान भारी भगदड़ मच गई। इस हादसे में कई श्रद्धालु घायल हो गए और अफरातफरी का माहौल बन गया।

भीड़ के दबाव से टूटा बैरिकेड, मची भगदड़

महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या का स्नान बेहद पवित्र माना जाता है, और इस अवसर पर करोड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के लिए एकत्रित होते हैं।

  • संगम तट पर उमड़ी भारी भीड़ के कारण बैरिकेडिंग टूट गई, जिससे भगदड़ मच गई।
  • भीड़ के दबाव से कई महिलाएं बेहोश हो गईं और चारों तरफ अफरातफरी फैल गई।
  • प्रशासन के मुताबिक, हादसे में कई श्रद्धालु घायल हुए हैं, जिन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया।

मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने समाचार एजेंसी ANI को जानकारी दी कि इस हादसे के बाद महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या का 'अमृत स्नान' रद्द कर दिया गया है।

हालांकि, प्रशासन हालात को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है और घायलों को इलाज के लिए विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

घायलों का इलाज जारी

  • भगदड़ में घायल श्रद्धालुओं को महाकुंभ मेले के पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
  • गंभीर रूप से घायल लोगों को बेली अस्पताल और स्वरूप रानी मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
  • डॉक्टरों के अनुसार, कई लोगों को हल्की चोटें आई हैं, जबकि कुछ की हालत गंभीर है।

मौनी अमावस्या का महत्व और कुंभ मेले की परंपराएं

हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

  • महाकुंभ 2025 में अब तक 10 करोड़ से अधिक भक्त 'अमृत स्नान' कर चुके हैं।
  • कुंभ मेले की परंपरा के अनुसार, सान्यासी, बैरागी और उदासीन संप्रदायों के अखाड़े विशेष स्नान के लिए संगम घाट तक मार्च करते हैं और गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में पवित्र स्नान करते हैं।

प्रशासन ने की अपील, श्रद्धालु बरतें सावधानी

प्रयागराज प्रशासन ने श्रद्धालुओं से धैर्य बनाए रखने और भीड़ को नियंत्रित करने में सहयोग करने की अपील की है। साथ ही, सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया जा रहा है ताकि आगे कोई अप्रिय घटना न हो।