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Mahashivratri 2025 Vrat Niyam: महाशिवरात्रि का व्रत हिंदू धर्म में सबसे पवित्र व्रतों में से एक माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को रखने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यही कारण है कि लाखों भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और पूरी श्रद्धा से भगवान शिव की उपासना करते हैं।

हालांकि, शिवपुराण में कुछ ऐसे लोगों का उल्लेख किया गया है जिन्हें यह व्रत नहीं रखना चाहिए। धार्मिक और स्वास्थ्य कारणों से कुछ विशेष परिस्थितियों में व्रत रखने से बचने की सलाह दी जाती है। आइए जानते हैं कि किन लोगों को महाशिवरात्रि का व्रत नहीं रखना चाहिए और इसके पीछे क्या कारण हैं।

1. गर्भवती महिलाएं

गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर को भरपूर पोषण और ऊर्जा की आवश्यकता होती है। लंबे समय तक भूखे रहने या केवल फलाहार करने से कमजोरी, चक्कर आना, थकान और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

डॉक्टर भी गर्भावस्था में बिना उचित पोषण के व्रत रखने की सलाह नहीं देते।

भूखे रहने से ब्लड शुगर लेवल गिर सकता है, जिससे माँ और शिशु दोनों को खतरा हो सकता है।

इस दौरान महिलाओं को पौष्टिक आहार की जरूरत होती है, जो व्रत में पूरी नहीं हो पाती।

इसलिए गर्भवती महिलाओं को व्रत रखने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

2. बुजुर्ग लोग

बढ़ती उम्र के साथ शरीर की पाचन शक्ति और सहनशक्ति कम होने लगती है। बुजुर्गों को संतुलित आहार और नियमित पोषण की आवश्यकता होती है।

लंबे समय तक खाली पेट रहने से कमजोरी और चक्कर आ सकते हैं।

पाचन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं, जिससे गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

अधिक समय तक उपवास करने से ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल में असंतुलन हो सकता है।

यदि बुजुर्ग व्यक्ति व्रत रखना चाहते हैं, तो उन्हें हल्का फलाहार और तरल पदार्थ लेते रहना चाहिए।

3. मासिक धर्म के दौरान महिलाएं

धार्मिक मान्यता के अनुसार, मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को इस व्रत से बचना चाहिए। इस दौरान शरीर में कमजोरी रहती है, और बिना भोजन के रहना स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

मासिक धर्म के दौरान शरीर को ज्यादा पोषण और आराम की जरूरत होती है।

व्रत के दौरान किए जाने वाले कठिन नियमों का पालन करना महिलाओं के लिए मुश्किल हो सकता है।

कई परंपराओं में मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को उपासना और व्रत से दूर रहने की सलाह दी जाती है।

हालांकि, यह पूरी तरह से व्यक्तिगत आस्था पर निर्भर करता है। यदि कोई महिला व्रत रखना चाहती है, तो वह फलाहार और जल का सेवन कर सकती है।

4. गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोग

जो लोग किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं, उन्हें महाशिवरात्रि का व्रत रखने से बचना चाहिए।

डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए यह व्रत नुकसानदायक हो सकता है।

उपवास करने से ब्लड शुगर लेवल असंतुलित हो सकता है, जिससे चक्कर आना, कमजोरी और बेहोशी की समस्या हो सकती है।

गैस्ट्रिक अल्सर, एनीमिया या हृदय रोगियों को भी व्रत रखने से बचना चाहिए, क्योंकि लम्बे समय तक खाली पेट रहने से समस्या बढ़ सकती है।

अगर कोई बीमार व्यक्ति व्रत रखना चाहता है, तो उसे डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए और फलाहार के माध्यम से आवश्यक पोषण लेना चाहिए।

महाशिवरात्रि व्रत के दौरान ध्यान देने योग्य बातें

अगर आप महाशिवरात्रि का व्रत रखना चाहते हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:

स्वास्थ्य का ध्यान रखें – अगर शरीर स्वस्थ नहीं है, तो जबरदस्ती व्रत न रखें।
पर्याप्त पानी पिएं – निर्जला व्रत रखने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है।
हल्का फलाहार करें – अगर पूरी तरह उपवास करना मुश्किल हो, तो दूध, फल और मेवे का सेवन कर सकते हैं।
ध्यान और मंत्र जाप करें – व्रत के दौरान ध्यान, शिव चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।