महाकुंभ 2025 का शुभारंभ होते ही प्रयागराज का त्रिवेणी संगम श्रद्धालुओं की आस्था से सराबोर हो चुका है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के पवित्र अवसर पर संगम में डुबकी लगाने के लिए लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से प्रयागराज पहुंच रहे हैं। प्रशासन के मुताबिक, अब तक 14.76 करोड़ लोग इस महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं, और जैसे-जैसे अमावस्या नजदीक आ रही है, तीर्थयात्रियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है।
श्रद्धालुओं का तांता: संगम बना आस्था का केंद्र
महाकुंभ में शामिल होने के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में प्रयागराज पहुंच रहे हैं। रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप और राष्ट्रीय राजमार्ग तीर्थयात्रियों से खचाखच भरे हुए हैं।
- शुक्रवार और शनिवार को रिकॉर्ड संख्या:
अधिकारियों के अनुसार, बीते दो दिनों में ही 1.25 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। - मौनी अमावस्या पर उम्मीद:
29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन करीब 10 करोड़ श्रद्धालुओं के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने की संभावना है।
व्यवस्था: मेला प्रशासन की पूरी तैयारी
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने व्यापक तैयारी की है। महाकुंभ क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने और तीर्थयात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।
नो-व्हीकल जोन
- मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है।
- वाहनों को पार्किंग क्षेत्रों में रोकने की व्यवस्था की गई है।
- प्राथमिक पार्किंग भर जाने पर वाहनों को वैकल्पिक पार्किंग क्षेत्रों में भेजा जाएगा।
सुविधाएं और यातायात प्रबंधन
- सभी पार्किंग क्षेत्रों को सक्रिय कर दिया गया है।
- तीर्थयात्रियों को सुविधाजनक आवाजाही के लिए हर सेक्टर और जोन में विशेष व्यवस्था की गई है।
- प्रशासन ने दो हजार से अधिक साइनबोर्ड लगाए हैं ताकि श्रद्धालु सही दिशा में आसानी से पहुंच सकें।
'अमृत स्नान' के लिए विशेष प्रोटोकॉल नहीं
महाकुंभ के दौरान "अमृत स्नान" को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सार्वजनिक सुविधाओं को प्राथमिकता दी है।
- विशेष प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा:
वीआईपी व्यवस्था को दरकिनार करते हुए, हर श्रद्धालु को समान सुविधा देने का प्रावधान किया गया है। - एकीकृत नियंत्रण और कमांड सेंटर:
भीड़ प्रबंधन और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कंट्रोल रूम सक्रिय है।
डिजिटल सुविधा: मेले का आधिकारिक चैटबॉट
श्रद्धालुओं की यात्रा को आसान बनाने के लिए डिजिटल साधनों का भी उपयोग किया गया है।
- महाकुंभ मेले के आधिकारिक चैटबॉट को डाउनलोड करने के लिए भक्तों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- यह चैटबॉट तीर्थयात्रियों को रियल-टाइम जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान करेगा।