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क्रिकेट मैच देखना जितना रोमांचक होता है, उतना ही जटिल और खर्चीला उसे लाइव प्रसारित करने का काम होता है। हर गेंद, हर चौका-छक्का और हर विकेट को टीवी पर सजीव दिखाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक और सैकड़ों लोगों की मेहनत लगती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह पूरा प्रोसेस कैसे काम करता है? आइए जानते हैं कि एक क्रिकेट मैच की तस्वीरें मैदान से आपके टीवी स्क्रीन तक कैसे पहुंचती हैं।

क्रिकेट का क्रेज और लाइव प्रसारण की मांग

क्रिकेट दुनियाभर में बेहद लोकप्रिय खेलों में से एक है, खासकर दक्षिण एशिया में, जहां इसे धर्म की तरह पूजा जाता है। भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश में क्रिकेट के प्रति दीवानगी चरम पर होती है। जब कोई बड़ा मैच होता है, तो स्टेडियम दर्शकों से खचाखच भरे रहते हैं और करोड़ों लोग इसे टीवी और मोबाइल पर देखते हैं।

इस बढ़ती लोकप्रियता के कारण, क्रिकेट प्रसारण के अधिकार भी अरबों रुपये में बेचे जाते हैं। यही कारण है कि टीवी पर दिखने वाले लाइव प्रसारण की गुणवत्ता लगातार बेहतर होती जा रही है। इसके लिए अत्याधुनिक तकनीकों और उच्च गुणवत्ता वाले उपकरणों का उपयोग किया जाता है।

मैदान में लगे होते हैं दर्जनों हाई-टेक कैमरे

क्रिकेट मैच के लाइव प्रसारण के लिए मैदान में 32 से 40 हाई-टेक कैमरे लगाए जाते हैं। ये कैमरे विभिन्न कोणों से मैच को कवर करते हैं ताकि दर्शकों को एक शानदार अनुभव मिल सके।

  • प्रत्येक कैमरे की कीमत 80 लाख से 1 करोड़ रुपये तक होती है।
  • यदि 40 कैमरे उपयोग में लिए जाएं और हर कैमरे की औसत लागत 80 लाख रुपये हो, तो कैमरों की कुल लागत 32 करोड़ रुपये से अधिक हो जाती है।
  • ये कैमरे सुपर स्लो-मोशन, अल्ट्रा-एचडी और थर्ड अंपायर रीप्ले के लिए खासतौर पर डिजाइन किए जाते हैं।

इसके अलावा, स्टंप कैमरा, ड्रोन कैमरा और स्पाइडर कैमरा जैसे एडवांस्ड कैमरों का उपयोग किया जाता है, जिससे दर्शकों को हर एंगल से मैच देखने का मौका मिलता है।

कैमरों से लेकर प्रोडक्शन कंट्रोल रूम (PCR) तक का सफर

मैदान में लगे ये सभी कैमरे ऑप्टिकल फाइबर केबल्स के जरिए प्रोडक्शन कंट्रोल रूम (PCR) से जुड़े होते हैं। PCR ही वह जगह होती है, जहां से यह तय किया जाता है कि टीवी स्क्रीन पर कौन सा एंगल दिखाया जाएगा।

PCR में कई महत्वपूर्ण लोग होते हैं:

  1. डायरेक्टर (निर्देशक) – यह व्यक्ति तय करता है कि कौन सा दृश्य लाइव दिखाना है।
  2. विजन मिक्सर – यह व्यक्ति सभी कैमरों के फीड को नियंत्रित करता है और निर्देशक के आदेश पर सही समय पर सही दृश्य दिखाता है।
  3. वी.टी. समन्वयक (वीडियो टेप ऑपरेटर) – यह व्यक्ति रिप्ले और हाइलाइट्स दिखाने की जिम्मेदारी संभालता है।

विजन मिक्सर: क्रिकेट प्रसारण का असली हीरो

क्रिकेट प्रसारण के दौरान, विजन मिक्सर का काम बेहद अहम होता है। इसके सामने एक बड़ा कीबोर्ड होता है, जिसमें 200 से अधिक बटन होते हैं।

  • जैसे ही डायरेक्टर आदेश देता है, विजन मिक्सर को बहुत तेजी से सही बटन दबाने होते हैं।
  • मैच के दौरान, हर कुछ सेकंड में एंगल बदलता है, इसलिए विजन मिक्सर को प्रति मिनट 100 से अधिक बटन दबाने पड़ते हैं।
  • यही कारण है कि एक शानदार लाइव प्रसारण के लिए विजन मिक्सर का तेज और सटीक होना बेहद जरूरी होता है।

क्रिकेट प्रसारण के लिए 700-800 लोगों की टीम काम करती है

क्या आप जानते हैं कि एक क्रिकेट मैच का लाइव प्रसारण करने के लिए करीब 700 से 800 लोगों की टीम काम करती है? यह टीम अलग-अलग विभागों में बंटी होती है, जैसे कि:

  • कैमरा ऑपरेटर – मैदान में कैमरों को ऑपरेट करने वाले लोग।
  • ध्वनि इंजीनियर – स्टेडियम और कमेंट्री की ऑडियो क्वालिटी को मैनेज करने वाले विशेषज्ञ।
  • ग्राफिक्स डिजाइनर – लाइव स्कोर, खिलाड़ी के आंकड़े और अन्य ग्राफिक्स तैयार करने वाले लोग।
  • तकनीशियन – केबल, कैमरा और अन्य उपकरणों को सुचारू रूप से संचालित करने वाली टीम।

यह सभी लोग मिलकर यह सुनिश्चित करते हैं कि दर्शकों को एक बेहतरीन लाइव अनुभव मिले।


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