
World’s longest ropeway to come to Kedarnath : केंद्र सरकार ने बुधवार, 5 मार्च को केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना को मंजूरी देकर लाखों तीर्थयात्रियों के लिए राहत की बड़ी खबर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 4,081 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया। इस परियोजना के तहत लगभग 13 किलोमीटर लंबे रोपवे का निर्माण किया जाएगा, जिससे यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा।
केदारनाथ रोपवे: यात्रा होगी मात्र 40 मिनट में पूरी
वर्तमान में, केदारनाथ धाम तक पहुंचने में तीर्थयात्रियों को 8 से 9 घंटे का समय लगता है, जिसमें 16 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई शामिल है। लेकिन इस नए रोपवे प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद, यह यात्रा सिर्फ 40 मिनट में पूरी हो सकेगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट ब्रीफिंग में इस योजना की जानकारी साझा की।
पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत होगा निर्माण
परियोजना को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत लागू किया जाएगा। इसमें अत्याधुनिक Tri-cable Detachable Gondola (3S) Technology का उपयोग किया जाएगा, जो यात्रियों को एक सुरक्षित और आरामदायक सफर प्रदान करेगी। इस रोपवे की क्षमता प्रति घंटे 1,500 यात्रियों की होगी, जिससे एक दिन में 18,000 तीर्थयात्री इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।
केदारनाथ रोपवे से जुड़े मुख्य बिंदु
- यात्रा समय में भारी कटौती: 8 घंटे की पैदल यात्रा अब सिर्फ 40 मिनट में पूरी होगी।
- बेहतर सुविधा: अत्याधुनिक तकनीक से लैस रोपवे, यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव देगा।
- आर्थिक लाभ: पर्यटन उद्योग को मिलेगा बढ़ावा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
- मौसम संबंधी दिक्कतों से राहत: हर मौसम में तीर्थयात्रियों के लिए सुगम यात्रा की सुविधा मिलेगी।
पर्यटन और अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
इस परियोजना से पर्यटन उद्योग को नई गति मिलेगी। इससे न केवल ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को फायदा होगा, बल्कि फूड और अन्य सेवाओं से जुड़े उद्योग भी विकसित होंगे। यह परियोजना क्षेत्र में सतत सामाजिक-आर्थिक विकास (sustainable socio-economic development) को बढ़ावा देगी।
सरकार का यह कदम लाखों श्रद्धालुओं के लिए राहत भरी खबर है, क्योंकि इससे गौरीकुंड, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा पहले से कहीं अधिक सुरक्षित और सुगम हो जाएगी। इस बहुप्रतीक्षित परियोजना का कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा, जिससे तीर्थयात्रा का अनुभव पहले से अधिक सुविधाजनक और यादगार बन सकेगा।