
IPL 2025 : इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 की शुरुआत से पहले, बीसीसीआई द्वारा जारी किए गए कुछ नए नियमों को लेकर विवाद बढ़ गया है। इन नए नियमों के तहत, खिलाड़ियों के परिवारों को मैच या अभ्यास सत्र के दौरान टीम के ड्रेसिंग रूम में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। यदि परिवार के सदस्य मैच देखना चाहते हैं, तो उन्हें केवल आतिथ्य बॉक्स में बैठकर ही ऐसा करने की अनुमति होगी। यह फैसला बीसीसीआई द्वारा लिया गया है, और अब इस पर बड़ी बहस छिड़ गई है।
इस मामले में दिग्गज क्रिकेटर कपिल देव का नाम सामने आया है, जिन्होंने बीसीसीआई के इस पारिवारिक शासन के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है। कपिल देव के अलावा, दिल्ली कैपिटल्स के गेंदबाज मोहित शर्मा ने भी इस नियम को लेकर सवाल उठाए हैं। इस पर दबाव बढ़ने के साथ ही इस मुद्दे ने क्रिकेट जगत में चर्चा का माहौल बना दिया है।
विराट कोहली का परिवार के समर्थन में बयान
इससे पहले, विराट कोहली ने भी इस विषय पर अपनी राय दी थी। विराट ने कहा था कि जब कोई खिलाड़ी बुरे दौर से गुजर रहा होता है, तो उसके परिवार का समर्थन उसे मानसिक रूप से बेहतर महसूस कराता है। उनका मानना है कि परिवार की मौजूदगी से खिलाड़ी को खुद को अकेला महसूस करने से बचने में मदद मिलती है, खासकर तब जब वह बुरे समय से गुजर रहा होता है। विराट ने यह भी कहा कि परिवार के साथ होने से खिलाड़ी अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से समझ पाता है, जो उसकी खेल परफॉर्मेंस को भी बेहतर बना सकता है।
विराट के इस बयान से यह साफ हो गया कि वह इस फैसले के खिलाफ हैं और परिवार के साथ समय बिताने को एक अहम मानसिक सहारा मानते हैं। उनका कहना था कि जब खिलाड़ी मुश्किल दौर से गुजर रहे होते हैं, तो परिवार उनके लिए एक बड़ी ताकत साबित हो सकता है।
कपिल देव का समर्थन
अब इस मुद्दे पर कपिल देव का भी बयान आया है। गोल्फ टूर्नामेंट की ट्रॉफी के अनावरण के दौरान कपिल देव ने कहा कि खिलाड़ियों को अपने परिवारों का समर्थन मिलना चाहिए। उनका मानना था कि यह नियम बीसीसीआई का फैसला हो सकता है, लेकिन खिलाड़ी मानसिक रूप से अपने परिवार के समर्थन के बिना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकते। कपिल ने कहा, "हमारे समय में हम कहते थे कि पहले हाफ में मुझे क्रिकेट खेलने दो, लेकिन दूसरे हाफ में परिवारों को भी आकर इस खेल का आनंद लेना चाहिए।"
कपिल देव ने इस दौरान यह भी जोड़ा कि उन्हें लगता है कि टीम के समर्थन के साथ-साथ परिवार का भी महत्व है। उन्होंने कहा कि एक खिलाड़ी को टीम के समर्थन की जरूरत होती है, लेकिन यह भी जरूरी है कि उसे अपने परिवार का सहारा मिले।
कपिल देव का यह बयान कई क्रिकेट खिलाड़ियों और फैंस के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है, जो इस नियम को लेकर असहमत हैं। कपिल ने यह साफ किया कि एक खिलाड़ी को व्यक्तिगत और मानसिक सहारा दोनों की जरूरत होती है, और परिवार का समर्थन खिलाड़ियों के प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाता है।
बीसीसीआई पर बढ़ता दबाव
कपिल देव और विराट कोहली जैसे बड़े नामों के इस मुद्दे पर सामने आने से बीसीसीआई पर दबाव बढ़ने लगा है। इन दिग्गज क्रिकेटरों का मानना है कि खिलाड़ियों के परिवारों के लिए इस तरह के प्रतिबंध सही नहीं हैं, और इससे खिलाड़ियों की मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए क्रिकेट के कई विशेषज्ञों ने यह कहा कि खिलाड़ियों को मैच के दौरान मानसिक रूप से सहज रखने के लिए उनके परिवारों का समर्थन महत्वपूर्ण हो सकता है। इसके बावजूद, बीसीसीआई का तर्क यह है कि यह निर्णय खिलाड़ियों की पेशेवरता को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है, ताकि वे केवल खेल पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
आरसीबी और विराट कोहली की स्थिति
विराट कोहली की कप्तानी में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) का प्रदर्शन हमेशा ही सुर्खियों में रहा है। हाल ही में, आरसीबी के एक अनबॉक्सिंग इवेंट में विराट ने टीम के नए कप्तान रजत पाटीदार की तारीफ की थी। विराट ने रजत पाटीदार की नेतृत्व क्षमता को सराहा और उन्हें आगामी आईपीएल सीजन के लिए शुभकामनाएँ दीं।
आईपीएल 2025 का पहला मैच 22 मार्च को कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और आरसीबी के बीच खेला जाएगा। इस मैच में दोनों टीमों के पास अपने-अपने दिग्गज खिलाड़ी होंगे, जो मैच को रोमांचक बनाएंगे। विराट कोहली की कप्तानी और रजत पाटीदार की नई भूमिका के बीच यह मुकाबला बहुत ही दिलचस्प होगा।
क्या यह नियम आईपीएल 2025 की शुरुआत को प्रभावित करेगा?
बीसीसीआई के द्वारा लागू किए गए नए नियमों को लेकर अब तक खिलाड़ियों और विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएं मिलती रही हैं। हालांकि, बीसीसीआई ने इसे लेकर कोई आधिकारिक बदलाव या हल नहीं निकाला है। अब देखना यह होगा कि आईपीएल 2025 में परिवारों के लिए इस नियम को लेकर कोई परिवर्तन होता है या नहीं।
अंत में, यह मुद्दा निश्चित रूप से आईपीएल 2025 के पहले मैच से पहले क्रिकेट जगत में एक अहम चर्चा का विषय बना रहेगा। और यह तय करेगा कि बीसीसीआई इस पर अपनी स्थिति कैसे बदलता है।