माता-पिता अपने बच्चों की परवरिश में कोई कसर नहीं छोड़ते। लेकिन कभी-कभी कुछ छोटी-छोटी गलतियां उनके लिए मुसीबत बन जाती हैं। अक्सर माता-पिता अपने बच्चों का खाना पैक करने के लिए प्लास्टिक टिफिन का इस्तेमाल करते हैं। आइए जानें कि यह सही है या गलत
प्लास्टिक टिफ़िन में खाना पैक करना?
क्या आप जानते हैं कि बच्चों के लिए प्लास्टिक टिफिन में खाना पैक करना उनकी सेहत के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। कई प्लास्टिक टिफिन बॉक्स होते हैं, जिनमें गर्म खाना पैक किया जाता है, इसमें मौजूद हानिकारक रसायन बच्चों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं और इसके कारण बच्चा लंबे समय तक स्वास्थ्य समस्याओं से घिरा रहता है।
माइक्रोप्लास्टिक का ख़तरा
कभी-कभी प्लास्टिक छोटे-छोटे कणों में टूट जाता है, जिसे माइक्रोप्लास्टिक भी कहा जाता है। ये भोजन के साथ मिलकर बच्चे के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और बच्चे को बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
बैक्टीरिया से बच्चों को नुकसान
प्लास्टिक टिफिन में बैक्टीरिया आसानी से जमा हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में भी बच्चा बीमार रहने लगता है। कई बार लंबे समय तक प्लास्टिक टिफिन का इस्तेमाल करने से वह ठीक से साफ नहीं हो पाता और उसमें जमा बैक्टीरिया बच्चों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल करें।
इतना ही नहीं प्लास्टिक के बर्तनों को रगड़ने और धोने से इसकी कोटिंग निकल जाती है और यह कोटिंग बच्चों के खाने में चिपक कर शरीर में चली जाती है, जिससे बच्चे जल्दी बीमार पड़ जाते हैं। अगर आप इन सब चीजों से बचना चाहते हैं तो अपने बच्चों के लिए स्टेनलेस स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल करें।
इसके अलावा अगर आप किसी बच्चे को प्लास्टिक का टिफिन दे रहे हैं तो उसे तुरंत बंद कर दें और अगर देना ही है तो उसे रोजाना अच्छी तरह साफ करें और एक महीने बाद प्लास्टिक टिफिन बदल दें। इसके अलावा आप बच्चों को कांच का टिफिन भी दे सकते हैं। इतना ही नहीं, प्लास्टिक टिफिन से बचने के लिए आप बच्चों को बास या लकड़ी के टिफिन भी दे सकते हैं।
बच्चों को स्टील की बोतल दें।
अगर आप बच्चों को प्लास्टिक की बोतल देते हैं तो इसे अब बंद कर दें। इसकी जगह आप अपने बच्चों को स्टील की बोतलें दें, इन सभी बातों का ध्यान रखकर आप अपने बच्चों की सेहत को खराब होने से बचा सकते हैं।
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