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India AI Model News : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में इस समय कई देश आगे निकलने की होड़ में हैं। जब से चीन ने DeepSeek-V3 लॉन्च किया है, वैश्विक स्तर पर हलचल मच गई है, खासकर अमेरिका में, क्योंकि चीन ने कम लागत में एक बेहतर तकनीक पेश कर दी है। इस बीच, भारत भी इस रेस में पिछड़ना नहीं चाहता और एक बड़े AI मिशन पर तेजी से काम कर रहा है। अगले 10 महीनों के अंदर भारत कुछ बड़ा कर सकता है, जिसकी तैयारियां अभी से शुरू हो चुकी हैं।

भारत AI की दुनिया में क्या धमाका करने वाला है?

भारत सरकार इस समय अपने महत्वाकांक्षी AI मिशन पर काम कर रही है, जिसके लिए 10,370 करोड़ रुपये का भारी-भरकम बजट तैयार किया गया है। इस मिशन के तहत सरकार को 67 प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें से 20 बड़े लैंग्वेज मॉडल (LLMs - Large Language Models) शामिल हैं।

सरकार इन सभी प्रस्तावों का मूल्यांकन करने के लिए एक हाई-लेवल कमेटी गठित करने की योजना बना रही है। बीते महीने सरकार ने सभी बड़ी टेक कंपनियों से AI मॉडल्स के लिए प्रपोजल मांगे थे, जिसके बाद Sarvam AI, CoRover.ai जैसी कंपनियों ने अपने लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) से जुड़े प्रस्ताव सरकार को सौंपे हैं।

सबसे दिलचस्प बात यह है कि अगले एक महीने के भीतर इन सभी मॉडल्स पर विचार-विमर्श किया जाएगा और भारत के AI मिशन की दिशा तय की जाएगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी इस पर विस्तार से जानकारी दी है।

अश्विनी वैष्णव ने भारत के AI प्लान को लेकर क्या कहा?

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, भारत यदि सही रणनीति अपनाए तो वर्ल्ड-क्लास AI मॉडल तैयार कर सकता है। अगले 9-10 महीनों में भारत का AI मॉडल सामने आ सकता है।

इस योजना के तहत सरकार कई AI मॉडल्स को मंजूरी दे सकती है, क्योंकि फोकस सिर्फ एक मॉडल तक सीमित नहीं रहेगा। जरूरत के अनुसार विभिन्न सेक्टर्स के लिए अलग-अलग मॉडल्स विकसित किए जाएंगे। इसके लिए सरकार दो तरह की फंडिंग पर विचार कर रही है—

  1. डायरेक्ट फाइनेंशियल सपोर्ट – जिसमें सरकार सीधे फंडिंग करके AI मॉडल्स को विकसित करने में मदद करेगी।
  2. इक्विटी-बेस्ड फंडिंग – जिसमें स्टार्टअप्स और कंपनियों को AI इनोवेशन के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।

चीन के DeepSeek-V3 ने क्या बदला?

भारत का यह AI मिशन चीन के DeepSeek-V3 मॉडल से भी प्रेरित माना जा रहा है। DeepSeek-V3 ने यह साबित कर दिया है कि AI इनोवेशन सिर्फ अमेरिका और यूरोप तक सीमित नहीं है।

DeepSeek-V3 की सफलता ने अमेरिका की AI इंडस्ट्री पर दबाव बना दिया है। अब अमेरिकी कंपनियों को न सिर्फ तेजी से इनोवेट करना होगा बल्कि नई क्रिएटिविटी और टाइम-लिमिट को भी ध्यान में रखना होगा। DeepSeek-V3 के उभरने से यह साफ हो गया है कि चीन अब AI स्पेस में एक तगड़ा प्रतिद्वंद्वी बन चुका है।

भारत की AI रणनीति क्यों अहम है?

भारत एक तेजी से उभरती AI अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। सरकार का लक्ष्य सिर्फ प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि स्वदेशी AI इनोवेशन को बढ़ावा देना है। अगर भारत अपने AI मिशन को सही दिशा में ले जाता है, तो आने वाले 5-10 वर्षों में भारत एक AI सुपरपावर बन सकता है।