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Champions Trophy final 2025, India vs New Zealand : भारत और न्यूजीलैंड के बीच 9 मार्च को दुबई में चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल मुकाबला खेला जाएगा। इस महामुकाबले से पहले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने टीम इंडिया को सतर्क रहने की सलाह दी है। उनका मानना है कि न्यूजीलैंड को हल्के में लेना बड़ी भूल साबित हो सकती है। गावस्कर का मानना है कि ग्रुप स्टेज की तुलना में फाइनल मुकाबला पूरी तरह अलग होगा और टीम इंडिया को इसे किसी भी हाल में हल्के में नहीं लेना चाहिए।

न्यूजीलैंड को हल्के में लेना पड़ सकता है भारी

न्यूजीलैंड ने सेमीफाइनल में शानदार प्रदर्शन करते हुए साउथ अफ्रीका को 50 रनों से हराया था। इस मैच में कीवी टीम ने प्रोटियाज के खिलाफ टूर्नामेंट का सबसे बड़ा स्कोर खड़ा किया। गावस्कर का कहना है कि सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड का प्रदर्शन बेहतरीन रहा और उन्होंने पाकिस्तान को उनके ही घर में हराकर अपनी ताकत का परिचय दिया। हालांकि, भारत के खिलाफ ग्रुप स्टेज मैच में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इस टीम ने अपने आक्रमण में गजब की विविधता दिखाई है।

गावस्कर ने यह भी कहा कि न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी में काफी गहराई है और यही वजह है कि वे फाइनल तक पहुंचे हैं। सेमीफाइनल में शुरुआती झटकों के बावजूद उन्होंने बड़ा स्कोर खड़ा किया। उन्होंने कहा, "2 मार्च को जब न्यूजीलैंड ने भारत के खिलाफ खेला था, तब उन्होंने काफी कुछ सीखा होगा। कोई भी इस बात की गारंटी नहीं दे सकता कि फाइनल मैच भी वैसे ही जाएगा जैसा सेमीफाइनल में हुआ था।"

न्यूजीलैंड एक शांत लेकिन घातक टीम

गावस्कर ने न्यूजीलैंड को एक ऐसी टीम बताया जो बिना शोर मचाए अपना काम बखूबी करती है। उनके मुताबिक, कीवी टीम के खिलाड़ी बेहद चतुर और रणनीतिक रूप से मजबूत हैं। भारत ने भले ही सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर अपनी मजबूती दिखाई हो, लेकिन फाइनल में न्यूजीलैंड को हल्के में लेना बहुत बड़ी भूल होगी। गावस्कर ने चेतावनी देते हुए कहा, "फाइनल में स्थिति अलग होगी और न्यूजीलैंड अपनी गलतियों से सबक लेकर मजबूत वापसी कर सकता है।"

25 साल बाद फिर आमने-सामने भारत और न्यूजीलैंड

भारत और न्यूजीलैंड 25 साल बाद चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में आमने-सामने होंगे। पिछली बार यह दोनों टीमें साल 2000 के फाइनल में भिड़ी थीं, जहां न्यूजीलैंड ने भारत को हराकर पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था। इस बार भारत के पास बदला लेने का सुनहरा मौका होगा।

न्यूजीलैंड अब तक एक बार इस टूर्नामेंट को जीत चुका है, जबकि भारतीय टीम दो बार इस ट्रॉफी पर कब्जा जमा चुकी है। ऐसे में दोनों टीमों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी। फाइनल मुकाबले में भारत के पास इतिहास दोहराने का मौका है, लेकिन इसके लिए उन्हें न्यूजीलैंड की ताकत और रणनीतियों को ध्यान में रखते हुए खेलना होगा।