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India wins International Masters League 2025 : इंडिया मास्टर्स टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए वेस्टइंडीज मास्टर्स को 6 विकेट से हराकर ट्रॉफी अपने नाम कर ली। इस रोमांचक फाइनल मुकाबले में वेस्टइंडीज ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 148 रनों का लक्ष्य दिया, जिसे भारतीय टीम ने 17 गेंद शेष रहते आसानी से हासिल कर लिया। इस जीत के नायक रहे अंबाती रायडू, जिन्होंने 50 गेंदों में 74 रनों की नाबाद पारी खेली और भारत की जीत को सुनिश्चित किया।

वेस्टइंडीज की मजबूत शुरुआत लेकिन मध्यक्रम हुआ धराशायी

वेस्टइंडीज मास्टर्स टीम ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने उन्हें ज्यादा खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया। टीम के सलामी बल्लेबाज ड्वेन स्मिथ ने 45 रनों की अच्छी पारी खेली, लेकिन दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन लारा और विलियम्स पर्किन्स सिर्फ 6-6 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।

भारतीय गेंदबाजों में शाहबाज नदीम ने शानदार गेंदबाजी की। उन्होंने अपने 4 ओवर के स्पेल में सिर्फ 12 रन देकर 2 विकेट चटकाए। इसके अलावा लेंडल सिमंस ने 57 रनों की अहम पारी खेली, जिससे वेस्टइंडीज की टीम सम्मानजनक स्कोर तक पहुंच सकी। लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने लगातार दबाव बनाए रखा। खासतौर पर विनय कुमार ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 3 महत्वपूर्ण विकेट लिए।

अंबाती रायडू की तूफानी पारी ने दिलाई जीत

भारत की ओर से अंबाती रायडू शुरुआत से ही अलग लय में नजर आए। उन्होंने सचिन तेंदुलकर के साथ मिलकर 67 रनों की मजबूत ओपनिंग साझेदारी की। हालांकि, सचिन तेंदुलकर 25 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद गुरकीरत सिंह मान भी 14 रन बनाकर पवेलियन लौटे।

रायडू ने एक छोर संभालते हुए आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी की। उन्होंने अपनी 50 गेंदों की पारी में 9 चौके और 3 छक्के लगाए। जब मैच आखिरी ओवरों में पहुंचा, तब स्टुअर्ट बिन्नी ने 9 गेंदों पर 16 रनों की तेजतर्रार पारी खेली और भारत को 6 विकेट से शानदार जीत दिलाने में अहम योगदान दिया।

भारत ने 7 दिनों में दूसरी बड़ी ट्रॉफी अपने नाम की

गौरतलब है कि टीम इंडिया ने सिर्फ एक सप्ताह पहले ही चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था। इस ऐतिहासिक जीत के सात दिन के भीतर ही सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में इंडिया मास्टर्स ने इंटरनेशनल मास्टर्स लीग का ताज भी अपने नाम कर लिया।

पूरे टूर्नामेंट में भारत का प्रदर्शन शानदार रहा। टीम ने कुल 7 मैच खेले, जिनमें से उसे सिर्फ एक मैच में हार का सामना करना पड़ा। इस खिताबी जीत के साथ भारत ने साबित कर दिया कि वह मास्टर्स क्रिकेट में भी अपनी बादशाहत कायम रखने का माद्दा रखता है।