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देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की पेरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन को आयकर विभाग से 944.20 करोड़ रुपये की पेनल्टी का नोटिस मिला है, जिसे कंपनी ने पूरी तरह गलत बताया है। यह जुर्माना असेसमेंट ईयर 2021-22 से जुड़ा है और कंपनी का कहना है कि वह इस आदेश को कोर्ट में चुनौती देगी।

रविवार को एक रेगुलेटरी फाइलिंग के जरिए इंडिगो ने यह जानकारी दी। कंपनी का साफ कहना है कि आयकर विभाग का यह फैसला कानून के अनुरूप नहीं है और उसे पूरी तरह अनुचित माना गया है। इंडिगो ने इस बात की पुष्टि की है कि वह इस आदेश को चुनौती देने के लिए सभी कानूनी रास्ते अपनाएगी।

कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि इतनी बड़ी राशि की पेनल्टी के बावजूद, इसका उसके वित्तीय हालात, परिचालन या उसके संपूर्ण बिजनेस पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। यानी इंडिगो की फ्लाइट्स, सेवाएं और रोजमर्रा का कामकाज पहले की तरह ही चलता रहेगा।

यह पेनल्टी ऐसे समय में सामने आई है जब कंपनी पहले से ही कई आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही है। वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में इंडिगो का शुद्ध मुनाफा 18.6 प्रतिशत घटकर 2,448.8 करोड़ रुपये रह गया, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 2,998.1 करोड़ रुपये था।

इस दौरान कंपनी की ऑपरेशनल लागत भी तेजी से बढ़ी है। अक्टूबर से दिसंबर 2024 की तिमाही में इंडिगो की कुल लागत 20 प्रतिशत बढ़कर 20,466 करोड़ रुपये हो गई, जिसका सीधा असर उसके मुनाफे पर पड़ा है।

हालांकि, चुनौतियों के बावजूद, इंडिगो देश की सबसे बड़ी एयरलाइन बनी हुई है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) की रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2025 में इंडिगो का मार्केट शेयर 63.7 प्रतिशत रहा और इस दौरान 89.40 लाख यात्रियों ने उसकी सेवाएं लीं।

इंडिगो के बाद एयर इंडिया समूह दूसरे स्थान पर रहा, जिसमें एयर इंडिया एक्सप्रेस भी शामिल है। टाटा ग्रुप की इस एयरलाइन ने फरवरी में 38.30 लाख यात्रियों को सफर कराया और उसका मार्केट शेयर 27.3 प्रतिशत पर पहुंच गया।

अन्य एयरलाइंस की बात करें तो अकासा एयर से 6.59 लाख यात्रियों ने सफर किया और उसका मार्केट शेयर 4.7 प्रतिशत रहा। वहीं, स्पाइसजेट से फरवरी में 4.54 लाख यात्रियों ने यात्रा की, जिससे कंपनी का बाजार हिस्सा 3.2 प्रतिशत रहा।

इंडिगो पर लगे इस बड़े जुर्माने ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या कंपनियों के वित्तीय विवादों को पारदर्शी और न्यायिक तरीके से सुलझाया जा रहा है। आने वाले समय में अदालत में इस मुद्दे पर क्या फैसला आता है, इस पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।