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नई दिल्ली: कर्नाटक सरकार द्वारा खनन पर कई अतिरिक्त कर लगाए जाने से खनन और इस्पात क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को लेकर केंद्रीय इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की.

भारी उद्योग मंत्रालय, नई दिल्ली में आयोजित बैठक में इस्पात मंत्रालय के सचिव संदीप पौंड्रिक, राष्ट्रीय खनिज विकास निगम के अध्यक्ष अमिताव मुखर्जी, कानून मंत्रालय के अधिकारी और कई खनन कंपनियों के उच्च स्तरीय अधिकारी शामिल हुए।

बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि राज्य सरकार के अतिरिक्त कराधान का असर घरेलू इस्पात और खनन उद्योग पर पड़ रहा है. कुमारस्वामी ने मंत्री मेघवाल के साथ समग्र नफा-नुकसान की जानकारी साझा की.

बैठक में केंद्रीय इस्पात मंत्री ने कई अहम पहलुओं पर अपने विचार साझा किये. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य 2047 तक विकसि भारत का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरने की दिशा में निर्णायक कदम उठा रहे हैं।

मुख्य रूप से 2030 तक भारत ने प्रति वर्ष 300 मिलियन टन स्टील उत्पादन का लक्ष्य रखा है। मंत्री ने कहा कि हमारे सामने ऐसे महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के साथ, खनन और इस्पात क्षेत्र में बाधाओं को दूर करने की जरूरत है।

कुमारस्वामी की बात दोहराते हुए मंत्री मेघवाल ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री के सपने को साकार करना है तो हमें साझा कदम उठाकर कार्रवाई करनी होगी.


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