
Hanuman Puja in Chaitra Navratri : 30 मार्च से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो चुका है। यह पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। आज यानी 31 मार्च को नवरात्रि का दूसरा दिन है, और भक्तगण मां दुर्गा के द्वितीय स्वरूप की पूजा कर रहे हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है, जिनमें से प्रत्येक दिन एक विशेष देवी की उपासना को समर्पित होता है। हालांकि, इन दिनों में हनुमान जी की पूजा भी विशेष रूप से की जाती है, जो आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत फलदायी मानी जाती है।
नवरात्रि में हनुमान जी की पूजा का महत्व
हनुमान जी को शक्ति, बुद्धि, विद्या और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। वे देवी दुर्गा के परम भक्त हैं और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी उन्हें पुत्र के समान मानती हैं। यही कारण है कि नवरात्रि में हनुमान जी की पूजा करने से साधना का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
हनुमान जी की उपासना से मानसिक संतुलन और आत्मबल की वृद्धि होती है। साथ ही, यह देवी दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त करने का भी एक सशक्त माध्यम बनता है। जब कोई भक्त देवी दुर्गा की आराधना के साथ-साथ हनुमान जी की भक्ति में लीन होता है, तो उसे दिव्य ऊर्जा की प्राप्ति होती है जो जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिला सकती है।
नवरात्रि में हनुमान जी की पूजा कैसे करें
हनुमान जी की पूजा करने के लिए दिन की शुरुआत स्वच्छता और श्रद्धा से होनी चाहिए। सबसे पहले स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें और मां दुर्गा की पूजा करें। मां को भोग अर्पित करें, उनका ध्यान करें और उनकी आरती गाएं।
इसके बाद हनुमान जी की पूजा का क्रम प्रारंभ करें। हनुमान चालीसा का पाठ करना इस अवसर पर अत्यंत शुभ माना जाता है। पाठ करते समय मन को एकाग्र बनाए रखना आवश्यक है। आपकी भक्ति और ध्यान की शुद्धता ही इस पूजा का असली सार है।
हनुमान चालीसा पढ़ते समय एक दीपक और अगरबत्ती जलाना अत्यंत शुभ होता है। इससे वातावरण भी शुद्ध होता है और पूजा में ध्यान केंद्रित करना आसान होता है। पाठ करते समय हनुमान जी के चरित्र, उनके पराक्रम और समर्पण पर ध्यान केंद्रित करें। यह न केवल मानसिक शक्ति प्रदान करता है, बल्कि आत्मिक बल भी देता है।
दान और सेवा का महत्व
हनुमान जी की पूजा केवल मंत्रों और पाठ तक सीमित नहीं होती, बल्कि इसमें सेवा और दान का विशेष महत्व होता है। आप किसी जरूरतमंद को भोजन करा सकते हैं, वस्त्र दान कर सकते हैं या अन्य प्रकार की मदद प्रदान कर सकते हैं। यह सेवा भावना हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने का सबसे प्रभावी माध्यम है।
पूजा का समापन
हनुमान जी की पूजा के अंत में "ॐ हं हनुमते नमः" मंत्र का जाप करें। यह बीज मंत्र है जो हनुमान जी की विशेष ऊर्जा को आकर्षित करता है। यह मंत्र आपकी साधना को पूर्णता देता है और आपके जीवन में सुरक्षा, शक्ति और सफलता का संचार करता है।