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Shivling Pe Bel Patra Kaise Chadaye : हिंदू धर्म में भगवान भोलेनाथ को सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाला देवता माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, शिवजी को बेलपत्र अत्यधिक प्रिय होता है। ऐसा कहा जाता है कि यदि कोई भक्त श्रद्धा भाव से जल के साथ बेलपत्र अर्पित करता है, तो भगवान शिव तुरंत प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा सदैव बनी रहती है।

हालांकि, कई बार लोग अज्ञानता में गलत तरीके से बेलपत्र चढ़ा देते हैं, जिससे उन्हें पूजा का संपूर्ण फल नहीं मिल पाता। इसलिए, आइए जानते हैं कि शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का सही तरीका और इससे जुड़े महत्वपूर्ण नियम क्या हैं।

बेलपत्र के अद्भुत लाभ

बेल का पेड़ केवल धार्मिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इसमें कई आध्यात्मिक और वैज्ञानिक गुण भी होते हैं।

1. सिद्धियों का वास

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, बेल वृक्ष में सभी सिद्धियों का वास होता है। यदि किसी विशेष स्तोत्र या मंत्र का पाठ बेल वृक्ष के नीचे बैठकर किया जाए, तो उसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।

2. भगवान शिव की कृपा

बेलपत्र को भगवान शिव को अर्पित करने से सभी प्रकार के कष्टों का नाश होता है। यह धन-धान्य और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला माना जाता है।

3. स्वास्थ्य लाभ

आयुर्वेद के अनुसार, बेलपत्र में औषधीय गुण होते हैं, जो पाचन तंत्र को मजबूत करने और शरीर को शुद्ध करने में सहायक होते हैं।

कब नहीं तोड़ना चाहिए बेलपत्र?

शास्त्रों में बताया गया है कि कुछ विशेष दिनों में बेलपत्र तोड़ने की मनाही होती है।

  • चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी, अमावस्या, संक्रांति और सोमवार को बेलपत्र तोड़ना निषेध माना गया है।
  • यदि पहले से तोड़ा हुआ बेलपत्र उपलब्ध हो, तो उसे धोकर दोबारा चढ़ाया जा सकता है।

बेलपत्र की सही पहचान कैसे करें?

बेलपत्र को अर्पित करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वह शुद्ध और उचित हो।

  • बेलपत्र हमेशा तीन पत्तियों वाला होना चाहिए।
  • यदि पत्तियां तीन से कम हैं, तो उसे शिव पूजा में उपयोग नहीं करना चाहिए।
  • बेलपत्र का डंठल पहले से तोड़ लें, क्योंकि जितनी कम डंठल होगी, उतना शुभ माना जाता है।
  • इसे हमेशा विषम संख्या में चढ़ाएं, जैसे 3, 7, 11 या 21।

बेलपत्र अर्पित करने का सही तरीका

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:

  1. चिकनी सतह नीचे रखें
    • जब बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ाएं, तो इसका चिकना भाग (सामान्यत: ऊपरी सतह) नीचे की ओर होना चाहिए।
  2. मंत्र उच्चारण करें
    • बेलपत्र चढ़ाते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
    • आप यह मंत्र भी बोल सकते हैं:
      "त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम्।
      त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्॥"
  3. बेलपत्र को धोकर चढ़ाएं
    • किसी भी पूजा सामग्री को भगवान को अर्पित करने से पहले शुद्ध करना आवश्यक होता है।

ऐसी बेलपत्र न चढ़ाएं

शास्त्रों में यह बताया गया है कि कुछ विशेष प्रकार के बेलपत्र शिवलिंग पर नहीं चढ़ाने चाहिए:

  • गंदे, धूल-मिट्टी से सने हुए या फटे-पुराने बेलपत्र न चढ़ाएं।
  • ऐसे बेलपत्र, जिनमें कीड़े लगे हों, पूजा के लिए अनुपयुक्त होते हैं।
  • दाग-धब्बे वाले बेलपत्र भी शिवजी को अर्पित नहीं करने चाहिए।

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

  1. बेलपत्र को धो लें
    • पूजा से पहले बेलपत्र को गंगाजल से शुद्ध कर लें।
  2. चंदन या केसर से ‘ॐ’ लिखें
    • यदि संभव हो, तो बेलपत्र पर चंदन या केसर मिलाकर ‘ॐ’ लिखें और फिर शिवलिंग पर चढ़ाएं।
  3. जल के साथ अर्पण करें
    • बेलपत्र को अर्पित करते समय जल, दूध या गंगा जल का प्रयोग करें।
  4. दाएं हाथ से अर्पित करें
    • किसी भी पूजा में हमेशा दाएं हाथ का प्रयोग करना शुभ माना जाता है।