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दवा की कीमतों में कटौती: 2024 के अंत में केवल एक सप्ताह बचा है। कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने के लिए यह साल हमेशा अहम माना जाता है. दिसंबर महीने में रूस ने कैंसर की वैक्सीन विकसित करने का दावा किया था. यदि यह कथन सत्य है, तो यह रूसी एमआरएनए-आधारित टीका चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति ला देगा। वहीं, इस साल जून में भारत सरकार ने 54 दवाओं और 8 विशेष दवाओं की कीमतें कम कीं. 

बजट में सौगात:
इसके बाद लोकसभा चुनाव के बाद पेश किए गए पूर्ण वित्तीय बजट में आम आदमी को बड़ी राहत दी गई और दर्द निवारक और एंटीबायोटिक समेत 70 जरूरी दवाओं के दाम कम हो गए. जून में सरकार ने कई जरूरी दवाओं की कीमतें कम की थीं. एनपीपीए की 124वीं बैठक में 54 जेनेरिक दवाओं और 8 विशेष दवाओं की कीमतें कम की गईं। इस बार भी एंटीबायोटिक्स, मल्टीविटामिन, डायबिटीज, दिल से जुड़ी दवाओं के दाम कम हुए हैं, साथ ही कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं भी सस्ती कर दी गई हैं।

इसके बाद अगस्त में पूर्ण बजट के बाद हुई राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) की बैठक में कई और जरूरी दवाओं की कीमतें कम करने का फैसला किया गया। एनपीपीए देश में बेची जाने वाली आवश्यक दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करता है। इसका उपयोग आमतौर पर विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। इस बैठक में 70 आम दवाओं और 4 खास दवाओं की कीमत कम करने का फैसला लिया गया.

इन बीमारियों से पीड़ित मरीजों को राहत : 
एनपीपीए ने 70 दवाओं की कीमतें कम करने का फैसला किया है, जिनमें दर्द निवारक, एंटीबायोटिक्स, बुखार, संक्रमण, दस्त, मांसपेशियों में दर्द, मधुमेह, रक्तचाप, हृदय और अन्य जीवनशैली से संबंधित दवाएं शामिल हैं। इसके अलावा 4 विशेष फॉर्मूलेशन दवाओं की कीमत भी कम की गई है।

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