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पीएफ कर्मचारी संगठनों की लंबे समय से मांग रही है कि न्यूनतम पेंशन राशि बढ़ाकर 7,500 रुपये की जाए। इस मुद्दे को लेकर सरकार से लगातार अपील की जा रही थी, लेकिन वित्त वर्ष 2025-26 के हालिया बजट में इस पर कोई घोषणा नहीं की गई।

एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) की मंजूरी के बाद बढ़ी उम्मीदें
जब से मोदी सरकार ने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को मंजूरी दी है, तब से न्यूनतम मासिक पेंशन में बढ़ोतरी की मांग तेज हो गई है। फिलहाल, ईपीएफ पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये है। अगर इसे 7,500 रुपये तक बढ़ाया जाता है, तो निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी।

सरकार ले सकती है जल्द फैसला
सूत्रों के अनुसार, सरकार निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने के लिए इस मुद्दे पर विचार कर रही है और जल्द ही कोई फैसला लिया जा सकता है।

78 लाख से ज्यादा कर्मचारी उठा रहे हैं पेंशन लाभ
वर्तमान में लगभग 78 लाख कर्मचारी ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना) के तहत पेंशन का लाभ उठा रहे हैं। ऐसे में न्यूनतम पेंशन राशि बढ़ाने की मांग लगातार उठ रही है।

पीएफ संगठनों की अलग-अलग मांगें
कुछ पीएफ कर्मचारी संगठनों ने न्यूनतम पेंशन राशि 50,000 रुपये तय करने की मांग की है, जबकि अन्य इसे 5,000 रुपये तक बढ़ाने के पक्ष में हैं। हालांकि, कर्मचारियों का कहना है कि 5,000 रुपये भी पर्याप्त नहीं हैं, इसलिए इसे बढ़ाकर 7,500 रुपये किया जाना चाहिए।

अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही इस मांग को कब पूरा किया जाता है।


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