
Gold broke record in Delhi market : भारत में सोने की कीमतें अब तक की सबसे ऊंची छलांग मार चुकी हैं। शुक्रवार को दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 1,100 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 92,150 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई। यह अब तक का सर्वाधिक मूल्य है। बीते साल अप्रैल में यही सोना 68,420 रुपये प्रति 10 ग्राम था, यानी एक साल में करीब 35% की जबरदस्त तेजी देखी गई है।
यही नहीं, चांदी की कीमतों में भी भारी उछाल देखा गया है। यह 1,300 रुपये की वृद्धि के साथ लगभग 1,03,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। ऐसे में सोने-चांदी दोनों की कीमतें आम उपभोक्ताओं और निवेशकों के लिए चर्चा का विषय बन चुकी हैं।
2023-24 में भारत ने 48 देशों से किया सोने का आयात
सरकार ने संसद में जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने 48 अलग-अलग देशों से सोना आयात किया। हालांकि, यह बात ध्यान देने लायक है कि हर देश से आने वाले सोने की कीमतों में अंतर होता है, जिसका मुख्य कारण है—आयात शुल्क और मुक्त व्यापार समझौते (FTA)।
सोने पर आयात शुल्क और अलग-अलग दरें
भारत दो तरह के आयात शुल्क लागू करता है: मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) दरें और FTA के अंतर्गत रियायती दरें।
MFN दरों के तहत:
रिफाइंड गोल्ड पर 6% शुल्क
डोर गोल्ड (कच्चा सोना) पर 5.35% शुल्क
FTA (Free Trade Agreements) के तहत: कुछ देशों से आयात किए गए सोने पर कोई शुल्क नहीं लिया जाता। इनमें भारत-आसियान, कोरिया, जापान और मलेशिया शामिल हैं।
भारत-यूएई समझौता: इसके अंतर्गत भारत 160 टन तक के सोने पर 5% और डोर गोल्ड पर 4.35% शुल्क लेता है। इससे अधिक मात्रा पर छूट नहीं मिलती।
एफटीए वार्ताओं के दौरान कई देश भारत से कम शुल्क की मांग करते हैं, लेकिन सरकार इसपर निर्णय देश की आर्थिक स्थिति और घरेलू उद्योग की जरूरतों को देखते हुए लेती है।
सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे के कारण
अब सवाल यह है कि आखिर सोना इतना महंगा क्यों होता जा रहा है? इसके पीछे कई बड़े वैश्विक कारण हैं, जो इस समय प्रभाव में हैं:
अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है। हाजिर सोना $3,086.08 प्रति औंस तक पहुंच गया है, जबकि कॉमेक्स गोल्ड फ्यूचर्स $3,124.40 प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर चल रहा है। इस तेजी का सीधा असर भारत सहित सभी देशों पर पड़ रहा है।
बढ़ती महंगाई और आर्थिक अनिश्चितता: दुनियाभर में महंगाई दर बढ़ रही है और आर्थिक अस्थिरता भी बनी हुई है। ऐसे माहौल में निवेशक पारंपरिक और सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख करते हैं—और सोना हमेशा से एक सुरक्षित निवेश माना गया है।
केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: कई देशों के केंद्रीय बैंक अपने स्वर्ण भंडार को बढ़ा रहे हैं। इससे बाजार में सोने की मांग और भी तेज़ हो गई है, जिसका सीधा असर कीमतों पर देखने को मिला है।
निवेशकों के लिए क्या है सोने की मौजूदा स्थिति में अवसर?
भारत में पारंपरिक रूप से शादी-ब्याह और त्योहारी सीजन में सोने की मांग सबसे अधिक होती है। लेकिन मौजूदा तेजी के चलते आम लोगों के लिए इसकी खरीदारी करना मुश्किल होता जा रहा है। हालांकि, जिन लोगों ने पहले से इसमें निवेश किया है, उनके लिए यह एक फायदेमंद सौदा साबित हो रहा है।
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में हालात ऐसे ही बने रहे तो निकट भविष्य में सोना और महंगा हो सकता है। यह समय छोटे निवेशकों के लिए SIP या डिजिटल गोल्ड जैसे विकल्पों पर विचार करने का हो सकता है, जिससे धीरे-धीरे निवेश कर बढ़ती कीमतों का लाभ उठाया जा सके।
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