
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर आप ईपीएफओ में योगदान कर रहे हैं और परिवार में कोई आपात स्थिति है तो अब आप ज्यादा रकम निकाल सकेंगे.

निकासी की सीमा बढ़ाई गई
EPFO से एकमुश्त निकासी की सीमा बढ़ा दी गई है. इससे अब पीएफ सदस्य अपने खाते से एक बार में 1 लाख रुपये की रकम निकाल सकेंगे. सरकार की इस पहल से लाखों पीएफ खाताधारकों को फायदा होगा.

सरकार ने पीएफ नियमों में ढील दे दी है
मंडाविया ने नियमों में बदलाव की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने पीएफ नियमों में ढील दी है और सदस्यों को नई नौकरी के पहले 6 महीनों के भीतर राशि निकालने की अनुमति दी है।

पहले 6 महीनों में निकासी की अनुमति
पहले नई नौकरी ज्वाइन करने के बाद सदस्यों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब पीएफ ग्राहक पहले 6 महीने के भीतर ही पीएफ निकाल सकेंगे। मंडाविया ने कहा, क्योंकि यह उनका पैसा है।

नई गाइडलाइंस तय की जाएंगी
उन्होंने कहा कि श्रम मंत्रालय ईपीएफओ के कामकाज में सुधार के लिए काम कर रहा है। ग्राहकों की परेशानियों को कम करने के लिए एक नया डिजिटल ढांचा और नए दिशानिर्देश तय किए जा रहे हैं।

सरकार का आय सीमा बढ़ाने का विचार
मंडाविया ने कहा कि सरकार अनिवार्य भविष्य निधि योगदान के लिए आय सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है। वर्तमान में, 15,000 रुपये तक कमाने वाले वेतनभोगी कर्मचारियों को योगदान देना आवश्यक है। यह सीमा बढ़ाई जाएगी

फंडिंग विकल्प
मंडाविया ने कहा कि "हम 15,000 रुपये से अधिक आय वाले कर्मचारियों के लिए लचीलेपन की शुरुआत कर रहे हैं। इससे उन्हें यह चुनने की अनुमति मिलेगी कि वे अपनी आय का कितना हिस्सा सेवानिवृत्ति और पेंशन लाभ के लिए अलग रखना चाहते हैं।"

क्या है पीएफ का मौजूदा नियम?
कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम 1952 के तहत 20 या अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों को भविष्य निधि में योगदान करने की आवश्यकता होती है। इसमें कर्मचारी के वेतन का कम से कम 12% कटौती शामिल है और नियोक्ता को भी उतना ही योगदान देना होगा।
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