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म्यांमार में चक्रवात यागी ने जमकर कहर बरपाया है. इस तूफान के कारण कई इलाकों में बाढ़ आ गई है. जिससे 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. वहीं 77 लोग लापता बताए जा रहे हैं. अभी संख्या बढ़ सकती है. बाढ़ के कारण 6 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. स्थिति बहुत ख़राब है. राहत और बचाव दल को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इधर भारत ने म्यांमार की ओर मदद का हाथ बढ़ाया है. आपको बता दें कि एशिया में इस साल के सबसे शक्तिशाली तूफान टाइफून यागी ने एक हफ्ते पहले म्यांमार, लाओस और वियतनाम में कहर बरपाया था.

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि नौसेना और वायु सेना ने ऑपरेशन सद्भाव के तहत म्यांमार को सहायता का एक और बैच भेजा है। 32 टन राहत सामग्री भी भेजी गई है. साथ ही 10 टन राशन भेजा गया है. वहीं, वियतनाम को 37 टन राहत सामग्री भेजी गई है.

तूफ़ान ने ले ली जान

बाढ़ के कारण 6 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. म्यांमार में संचार समस्याओं के कारण सटीक आँकड़े प्राप्त करना कठिन हो जाता है। टाइफून यागी ने सबसे पहले वियतनाम, उत्तरी थाईलैंड और लाओस को प्रभावित किया। वियतनाम में लगभग 300, थाईलैंड में 42 और लाओस में चार लोग मारे गये। बाढ़ तब आई जब फरवरी 2021 के विरोध प्रदर्शनों ने सेना और बलों के बीच बढ़ती झड़पों के कारण हजारों लोगों को अपने घरों से भागने के लिए मजबूर कर दिया। इस संघर्ष के कारण 30 लाख लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा।

ओसीएचए ने कहा कि बाढ़ के कारण यहां के लोगों को भोजन, पीने के पानी, दवा, कपड़े और आश्रय की तत्काल आवश्यकता है। लेकिन सड़कें खराब हो गई हैं. पुलों की हालत जर्जर हो गयी है. ऐसे में राहत सामग्री पहुंचाने में दिक्कतें आ रही हैं. नेपीडॉ, मध्य मांडले क्षेत्र, काया, कायिन और शान राज्य बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

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