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Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में पाकिस्तान का सफर उम्मीदों के विपरीत बेहद निराशाजनक रहा। ग्रुप स्टेज में पहले न्यूजीलैंड और फिर भारत से मिली हार ने टीम की आगे बढ़ने की संभावनाओं को मुश्किल में डाल दिया था। हालांकि, आखिरी उम्मीद तब खत्म हो गई जब न्यूजीलैंड ने बांग्लादेश को हराकर पाकिस्तान के लिए सेमीफाइनल की राह पूरी तरह बंद कर दी।
टीम के असफल प्रदर्शन के पीछे कई कारण रहे, जिनमें बार-बार किए गए बदलाव प्रमुख हैं। पिछले तीन वर्षों में पाकिस्तान ने 26 सेलेक्टर, 8 कोच और 4 कप्तान बदले हैं। इस निरंतर अस्थिरता ने टीम को एक मजबूत और संतुलित संयोजन तैयार करने से रोका, जिससे प्रदर्शन में गिरावट साफ देखने को मिली।
लगभग एक साल तक वनडे से दूरी, फिर भी उम्मीदें चरम पर
2023 वनडे वर्ल्ड कप के बाद पाकिस्तान ने लगभग एक साल तक कोई वनडे मैच नहीं खेला। इसके बावजूद जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज जीती, तो फैंस की उम्मीदें फिर से जाग उठीं। ऐसा लगा कि टीम वापसी कर रही है, लेकिन ट्राई-सीरीज में मिली हार और चैंपियंस ट्रॉफी में निराशाजनक प्रदर्शन ने फैंस का दिल तोड़ दिया।
पाकिस्तान क्रिकेट की यही सबसे बड़ी समस्या रही है—स्थिरता की कमी। जब भी टीम कुछ अच्छा करती है, अगले ही टूर्नामेंट में उसकी कमियां खुलकर सामने आ जाती हैं। यही कारण है कि पिछले कुछ वर्षों से पाकिस्तान के प्रदर्शन में निरंतरता नहीं देखी गई।
2017 के बाद से पाकिस्तान का प्रदर्शन: गिरावट की कहानी
2017 में जब पाकिस्तान ने चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी, तब ऐसा लगा कि टीम आगे जाकर और मजबूती से खेलेगी। हालांकि, इसके बाद से उनकी ग्रोथ वैसी नहीं रही जैसी उम्मीद थी।
टी20 में बेहतर प्रदर्शन: पाकिस्तान 2021 और 2022 के टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल तक पहुंचा, जो एक सकारात्मक संकेत था।
वनडे और टेस्ट में औसत प्रदर्शन:
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के तीन चक्रों में पाकिस्तान पांचवें, सातवें और नौवें स्थान पर रहा।
वनडे वर्ल्ड कप 2019 और 2023 में टीम पांचवें स्थान पर रही और सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुंच सकी।
अब चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में तो ग्रुप स्टेज से आगे निकलना भी संभव नहीं हुआ।
इससे साफ पता चलता है कि टीम के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी रही है। एक-दो टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद अगले ही टूर्नामेंट में टीम संघर्ष करती नजर आती है।
कोचिंग में बदलाव: आकिब जावेद का 5 हफ्तों में प्रमोशन
टीम की मौजूदा स्थिति में बाबर आजम सबसे बड़े स्टार खिलाड़ी थे, लेकिन उनके अलावा कोई भी ऐसा बल्लेबाज नहीं मिला जो लगातार अच्छा प्रदर्शन कर सके। वहीं, कोचिंग स्टाफ में भी लगातार बदलाव होते रहे।
आकिब जावेद पहले टीम के गेंदबाजी कोच थे, फिर उन्हें महज 5 हफ्तों के भीतर सेलेक्टर और फिर मुख्य कोच बना दिया गया। यह फैसला चौंकाने वाला था क्योंकि इतनी जल्दी इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी किसी को सौंपना टीम के दीर्घकालिक प्लानिंग की कमी को दिखाता है।
आकिब जावेद ने कोच बनने के बाद कहा था—
"हमारा मुख्य ध्यान चैंपियंस ट्रॉफी से पहले वनडे क्रिकेट पर है। इस प्रारूप में एक स्थिर टीम तैयार करने की जरूरत है।"
लेकिन उनकी नियुक्ति और सेलेक्शन पैनल के फैसले चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान की हार को रोक नहीं पाए।
गलत सेलेक्शन फैसले: टीम चयन में गंभीर चूक
टीम चयन में भी कई विवादास्पद फैसले लिए गए, जिसने पाकिस्तान की हार में बड़ी भूमिका निभाई।
स्टार खिलाड़ी को बाहर करना:
- 2023 वनडे वर्ल्ड कप के स्टार खिलाड़ी अब्दुल्ला शफीक को टीम से बाहर कर दिया गया।
- उनकी जगह फॉर्म में संघर्ष कर रहे फखर जमान को टीम में लिया गया।
फहीम अशरफ का चयन:
- 2024 में एक भी वनडे न खेलने वाले फहीम अशरफ को टीम में शामिल किया गया।
- वह टूर्नामेंट में कोई खास योगदान नहीं दे सके।
तेज गेंदबाजों की नाकामी:
- पाकिस्तान के तीन प्रमुख गेंदबाज—शाहीन अफरीदी, हारिस रऊफ और नसीम शाह—अपनी योजनाओं को सही से लागू नहीं कर पाए।
- भारत के खिलाफ तो ये गेंदबाज बेदम नजर आए, जिससे पाकिस्तान को शर्मनाक हार मिली।
पाकिस्तान के दिग्गज पूर्व क्रिकेटर वसीम अकरम ने टीम के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए कहा—
“कैरेक्टर मिसिंग है। एग्रेशन मिसिंग है। हम औसत प्रदर्शन के आदी हो गए हैं।”