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DA Hike News : केंद्र सरकार ने देश के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक राहत की खबर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया कि महंगाई भत्ता (Dearness Allowance - DA) में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी। अब यह बढ़कर 55% हो गया है, जो 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होगा।

इस निर्णय से देशभर में करीब 1 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को सीधा लाभ मिलेगा। अप्रैल 2025 के वेतन में यह बढ़ा हुआ डीए शामिल होगा, और इसके साथ ही जनवरी से मार्च 2025 तक के एरियर का भुगतान भी एकमुश्त किया जाएगा। इससे कर्मचारियों के हाथ में एक अच्छी-खासी अतिरिक्त राशि पहुंचेगी, जिससे उनके घरेलू बजट को राहत मिलेगी।

बढ़े हुए डीए से कितना लाभ मिलेगा? आइए उदाहरण से समझते हैं

उदाहरण 1

मूल पेंशन: ₹8,000

प्रति माह अतिरिक्त लाभ: ₹160 (2% बढ़ोतरी)

सालाना अतिरिक्त लाभ: ₹1,920

उदाहरण 2

बेसिक सैलरी: ₹18,000

प्रति माह अतिरिक्त लाभ: ₹360

सालाना अतिरिक्त लाभ: ₹4,320

यह वृद्धि देखने में भले ही छोटी लगे, लेकिन जब इसे सालभर के हिसाब से देखें तो यह एक बड़ी राहत बन जाती है, खासकर उन कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए जो सीमित आय में गुज़ारा करते हैं।

सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए अलग-अलग प्रावधान

जहां सेवारत कर्मचारियों को डीए (Dearness Allowance) मिलता है, वहीं पेंशनभोगियों को डीआर (Dearness Relief) के रूप में यह राशि दी जाती है। दोनों का उद्देश्य एक ही होता है—बढ़ती महंगाई की मार से कर्मचारियों को कुछ राहत देना ताकि वे अपने जीवन स्तर को स्थिर बनाए रख सकें।

क्या है DA (महंगाई भत्ता)?

महंगाई भत्ता वह अतिरिक्त रकम होती है जो सरकार अपने कर्मचारियों को उनके मूल वेतन के अतिरिक्त देती है। इसका मकसद यह है कि वे बढ़ती महंगाई के बावजूद अपने जीवन के जरूरी खर्चों को बिना ज्यादा परेशानी के पूरा कर सकें। यह भत्ता मूल वेतन का एक निश्चित प्रतिशत होता है और इसे समय-समय पर संशोधित किया जाता है, जिससे महंगाई दर के हिसाब से कर्मचारियों को उचित राहत मिलती रहे।

आगे क्या? 8वें वेतन आयोग पर नज़र

अब सरकार का ध्यान 8वें वेतन आयोग के गठन की ओर भी केंद्रित हो गया है। जल्द ही सरकार इसके लिए एक पैनल का गठन कर सकती है और उसके सदस्यों के नामों की घोषणा भी संभव है। इससे भविष्य में कर्मचारियों के वेतन ढांचे में और सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।

यह फैसला न केवल आर्थिक रूप से लाभदायक है बल्कि यह कर्मचारियों के मनोबल को भी बढ़ाता है, खासकर उस समय में जब महंगाई लगातार आम आदमी की जेब पर असर डाल रही है।