देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को आम बजट पेश करने वाली हैं। यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट होगा। इस बार सर्राफा बाजार से जुड़े व्यापारी और उपभोक्ता सोने की कीमतों में राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
पिछले साल जुलाई में पेश किए गए बजट में सरकार ने सोने के आयात पर कस्टम ड्यूटी घटाने का ऐलान किया था, जिससे कीमतों में गिरावट देखी गई थी। लेकिन अब, सोने की कीमतें फिर से 83,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई हैं, जिससे उपभोक्ताओं और ज्वैलर्स को बड़ी राहत की जरूरत महसूस हो रही है।
पिछले बजट में सोने पर कस्टम ड्यूटी घटी थी, मांग में हुआ था उछाल
पिछले साल 23 जुलाई 2024 को पेश बजट में, वित्त मंत्री ने सोने की बढ़ती कीमतों को देखते हुए कस्टम ड्यूटी 15% से घटाकर 6% कर दी थी।
इस कटौती के बाद सोने की कीमतें तुरंत गिर गईं, जिससे बाजार में भारी खरीदारी देखी गई।
शादी के सीजन में सोने की मांग तेजी से बढ़ी, जिससे रोजाना 20% तक ज्यादा सोना खरीदा जाने लगा।
इससे पहले, सोने की कीमतें 74,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई थीं, जो अब तक की सबसे ऊंची दर थी।
कस्टम ड्यूटी में कटौती के बाद सोने की कीमतें गिरकर 69,000 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गईं, जिससे आम उपभोक्ताओं को राहत मिली थी।
कैसे गिरी सोने की कीमतें?
कस्टम ड्यूटी घटाने के बाद सोने की कीमतों में एक ही हफ्ते में 5,000 रुपये तक की गिरावट आई थी।
23 जुलाई: सोना 72,609 रुपये प्रति 10 ग्राम
24 जुलाई: गिरकर 69,194 रुपये प्रति 10 ग्राम
26 जुलाई: और गिरकर 67,410 रुपये प्रति 10 ग्राम
इस बदलाव के बाद सोने की खरीदारी बढ़ी, जिससे ज्वैलर्स को अपने कारीगरों की छुट्टियां रद्द करनी पड़ीं।
अब ज्वैलर्स को क्या उम्मीद?
अब जब सोने की कीमतें फिर से 83,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच चुकी हैं, तो ज्वैलर्स और सर्राफा व्यापारी सरकार से आयात शुल्क में और कटौती की मांग कर रहे हैं।
ज्वैलर्स की मांगें:
सोने की कीमतों को काबू में रखने के लिए कस्टम ड्यूटी में और कटौती हो।
गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए ईएमआई पर गहने खरीदने की सुविधा शुरू की जाए।
कारीगरों के कौशल विकास के लिए सरकार अलग से फंड निर्धारित करे।
सोने के बाजार के लिए एक सिंगल रेगुलेटरी बॉडी बनाई जाए, ताकि इसके नियंत्रण में एकरूपता हो।
आयात शुल्क में कटौती की मांग क्यों हो रही है?
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अध्यक्ष पृथ्वीराज कोठारी ने सरकार से मांग की है कि कच्चे सोने (अशुद्ध सोने) के आयात पर शुल्क घटाया जाए।
क्या होगा इसका असर?
सोने की कीमतों में गिरावट आएगी, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
ज्वैलर्स का मुनाफा बढ़ेगा और बाजार में स्थिरता आएगी।
सोने की तस्करी कम होगी, क्योंकि जब आयात शुल्क ज्यादा होता है तो गैरकानूनी तरीकों से सोना लाने की घटनाएं बढ़ जाती हैं।
क्या बजट 2025 में सोने पर राहत मिलेगी?
सर्राफा बाजार को उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार भी सोने पर आयात शुल्क घटाकर आम आदमी को राहत देंगी।
अगर सरकार आयात शुल्क में और कटौती करती है, तो सोने की कीमतें 75,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक आ सकती हैं।
अगर सरकार ने कोई राहत नहीं दी, तो कीमतें 85,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकती हैं।
सर्राफा व्यापारियों और उपभोक्ताओं की नजरें अब 1 फरवरी 2025 के बजट पर टिकी हैं, क्योंकि इससे यह तय होगा कि आने वाले महीनों में सोने की कीमतें ऊपर जाएंगी या नीचे आएंगी।