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Zomato-Swiggy shares Price : 26 मार्च को बैंक ऑफ अमेरिका (BofA) ने दो प्रमुख फूड डिलीवरी कंपनियों, जोमैटो और स्विगी, को लेकर बड़ा फैसला किया। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म ने इन दोनों कंपनियों की रेटिंग घटा दी है, और इसके पीछे दो अहम कारण बताए हैं—फूड डिलीवरी सेक्टर में ग्रोथ की रफ्तार धीमी पड़ना और क्विक कॉमर्स सेगमेंट में लगातार बढ़ती प्रतिस्पर्धा।

रेटिंग में बदलाव और टारगेट प्राइस में कटौती

BofA ने जोमैटो की रेटिंग को 'बाय' से घटाकर 'न्यूट्रल' कर दिया है, जबकि स्विगी को 'बाय' से 'अंडरपरफॉर्म' कैटेगरी में डाल दिया गया है। सिर्फ रेटिंग ही नहीं, इन कंपनियों के टारगेट प्राइस में भी कटौती की गई है:

जोमैटो का टारगेट प्राइस 300 रुपये से घटाकर 250 रुपये किया गया है।

स्विगी का टारगेट प्राइस 420 रुपये से घटाकर 325 रुपये कर दिया गया है।

मीडियम टर्म में नजरिया फिर भी पॉजिटिव

भले ही रेटिंग में गिरावट आई हो, लेकिन बैंक ऑफ अमेरिका के विश्लेषकों ने मीडियम टर्म में इन दोनों कंपनियों के प्रति सकारात्मक नजरिया बनाए रखा है। रिपोर्ट के मुताबिक, क्विक कॉमर्स जो कभी हाई-ग्रोथ सेगमेंट माना जाता था, अब घाटे में जा रहा है और यहां पर प्रतिस्पर्धा काफी तेज़ हो गई है।

इस माहौल में जोमैटो को स्विगी से बेहतर पोजिशन में बताया गया है। वजह? जोमैटो का बिजनेस स्केल बड़ा है और इसने क्विक कॉमर्स सेगमेंट में जल्दी एंट्री कर ली थी, जिससे इसका नेटवर्क मजबूत हुआ है।

जोमैटो की मजबूत फाइनेंशियल पोजिशन

ब्रोकरेज रिपोर्ट में ये भी हाइलाइट किया गया कि जोमैटो की वित्तीय स्थिति कहीं अधिक मजबूत है। कंपनी का प्रॉफिट मार्जिन बेहतर है और कैश रिजर्व के मामले में भी यह स्विगी से आगे है। इसके चलते कंपनी को मार्केट की चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिल सकती है।

बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और नए खिलाड़ियों की एंट्री

BofA का मानना है कि अगले 12 से 15 महीनों में प्रतिस्पर्धा और तेज़ हो सकती है क्योंकि नए खिलाड़ी मार्केट में आ रहे हैं और पुराने खिलाड़ी एक-दूसरे के इलाकों में एंटर कर रहे हैं। ये नए प्लेयर्स ग्राहकों को ज्यादा डिस्काउंट देकर मार्केट शेयर बढ़ाने की कोशिश करेंगे, जिससे लॉयल कस्टमर्स को बनाए रखना मुश्किल हो सकता है।

फीस में बढ़ोतरी की संभावना नहीं

रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले समय में जोमैटो और स्विगी जैसे प्लेटफॉर्म्स शायद ही प्लेटफॉर्म फीस में कोई बड़ी बढ़ोतरी करें। इसका कारण है - मार्केट ग्रोथ में स्लोडाउन। इसके अलावा, ये कंपनियां इन-हाउस कैफे सर्विसेस और 10 मिनट डिलीवरी मॉडल में इन्वेस्ट कर रही हैं, जिससे खर्चों में इज़ाफा हो सकता है।

शेयर मार्केट पर असर

अगर स्टॉक पर नजर डालें, तो पिछले 12 महीनों में जोमैटो के शेयरों में 11.66% की बढ़त देखने को मिली है। लेकिन 2025 की शुरुआत से अब तक इसमें 26.6% की गिरावट दर्ज हुई है। वहीं, स्विगी के शेयर भी इस साल अब तक 38.3% तक टूट चुके हैं।