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महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा अक्सर सोशल मीडिया पर अपने विचारों और किस्सों से लोगों का ध्यान खींचते हैं। इस बार उन्होंने एक बेहद भावुक पोस्ट के जरिए महिंद्रा एंड महिंद्रा के पूर्व एमडी और सीईओ पवन गोयनका को लेकर एक खास किस्सा साझा किया, जिसने लोगों के दिल को छू लिया।

पवन गोयनका ने खरीदी अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार – Mahindra XUV 9e

इस पोस्ट की खास वजह यह थी कि पवन गोयनका ने अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार, Mahindra XUV 9e खरीदी है। यह केवल एक कार की खरीद नहीं थी, बल्कि एक लंबी और प्रेरणादायक यात्रा का प्रतीक बन गई। आनंद महिंद्रा ने इस क्षण का वीडियो भी साझा किया और उसके साथ एक 30 साल पुरानी कहानी को जीवंत कर दिया।

90 के दशक की वापसी: जब पवन गोयनका ने भारत लौटने का लिया फैसला

आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में बताया कि 1990 के दशक की शुरुआत में पवन गोयनका अमेरिका में जनरल मोटर्स (GM) में एक सफल करियर का हिस्सा थे। उसी समय उन्होंने भारत लौटने का कठिन लेकिन महत्वपूर्ण फैसला लिया। आनंद महिंद्रा ने उन्हें महिंद्रा के नासिक प्लांट में ऑटोमोबाइल R&D डिपार्टमेंट के डिप्टी हेड के रूप में जॉइन करने के लिए प्रेरित किया।

लेकिन जब पवन पहली बार नासिक पहुंचे और वहां के R&D सेंटर की हालत देखी, तो वे झिझक गए। संसाधनों की कमी, तकनीक का अभाव और कार्यसंस्कृति की चुनौतियाँ देखकर उन्हें अपने फैसले पर संदेह हुआ। मगर उन्होंने हार नहीं मानी।

एक विज़नरी लीडर का सफर: जब बनाई गई भारत की पहली पॉपुलर SUV

गोयनका ने परिस्थितियों को चुनौती दी और धीरे-धीरे महिंद्रा के R&D विभाग के प्रमुख बने। उनके नेतृत्व में भारत की पहली लोकप्रिय SUV Scorpio का निर्माण हुआ, जो आज भी भारतीय सड़कों पर अपनी दमदार उपस्थिति बनाए हुए है। पवन गोयनका की यह उपलब्धि सिर्फ एक वाहन के निर्माण की नहीं थी, बल्कि भारत में ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग की एक नई दिशा तय करने की थी।

लीडर से लिजेंड बनने तक का सफर

उनकी मेहनत और दूरदर्शिता के चलते, पवन गोयनका महिंद्रा के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ बने। उनके नेतृत्व में कंपनी ने वर्ल्ड क्लास R&D सेंटर तैयार किया, जो अब देश के अग्रणी ऑटोमोबाइल अनुसंधान केंद्रों में गिना जाता है। उन्होंने महिंद्रा को ग्लोबल प्लेयर बनाने में अहम भूमिका निभाई।

रिटायरमेंट के बाद भी नहीं रुकी पवन गोयनका की उड़ान

2021 में रिटायर होने के बाद भी पवन गोयनका ने खुद को सीमित नहीं किया। वे अब IN-SPACe (Indian National Space Promotion and Authorization Center) के चेयरमैन के रूप में कार्य कर रहे हैं और भारत की अंतरिक्ष नीति को नई दिशा दे रहे हैं। उनके समर्पण और सेवा को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया है।

आनंद महिंद्रा की भावनात्मक प्रतिक्रिया

आनंद महिंद्रा ने अपनी पोस्ट में लिखा कि जब उन्होंने पवन गोयनका और उनकी पत्नी ममता गोयनका को Mahindra XUV 9e खरीदते देखा, तो वे बेहद भावुक हो गए। उनके लिए यह केवल एक ग्राहक की कार खरीदने की बात नहीं थी, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति की कहानी थी, जिसने दशकों पहले एक सपना देखा और उसे साकार किया। आनंद ने लिखा, “मैं उस व्यक्ति को देख रहा हूं जिसने न केवल इस कंपनी की नींव को मजबूत किया, बल्कि भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को एक नई दिशा दी। आज वह खुद उसी कंपनी की एक कार को गर्व से अपना रहे हैं।”

EV सेक्टर में महिंद्रा का मजबूत कदम

महिंद्रा ग्रुप इन दिनों इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, और XUV 9e इस यात्रा का एक अहम हिस्सा है। यह कहानी इसलिए भी खास है क्योंकि जिस व्यक्ति ने महिंद्रा को ऊंचाइयों तक पहुंचाया, वह अब उसकी तकनीकी प्रगति का हिस्सा बन रहा है।

यह पोस्ट सिर्फ एक दोस्ती या किसी सहयोगी की सराहना नहीं थी, बल्कि यह उस समर्पण और जुनून का सम्मान थी, जो पवन गोयनका जैसे लोगों ने भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को समर्पित किया।