
Amit Shah in Rajya Sabha : शुक्रवार को संसद का माहौल पूरी तरह से राजनीतिक ऊर्जा से भर गया था। बजट सत्र के दूसरे चरण के दूसरे हफ्ते का चौथा दिन था और दोपहर के बाद जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में खड़े हुए, तो हर कोई ध्यान से उनकी बातों को सुनने लगा। यह महज़ एक औपचारिक जवाब नहीं था, बल्कि एक ऐसा भाषण था जिसमें भारत की सुरक्षा नीति, उसकी आंतरिक मजबूती और सीमाओं पर सख्ती की झलक साफ नज़र आ रही थी।
‘उरी और पुलवामा का जवाब 10 दिन में दिया’ — शाह का बड़ा दावा
अमित शाह ने अपने संबोधन में देश को गौरव और आत्मविश्वास से भरने वाला एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “उरी और पुलवामा जैसे कायराना हमलों का जवाब हमने 10 दिनों के भीतर पाकिस्तान की सरजमीं पर सर्जिकल और एयर स्ट्राइक करके दिया। अब भारत सिर्फ कागज़ी निंदा नहीं करता, बल्कि मुंहतोड़ जवाब देता है।”
उन्होंने आगे कहा कि पहले सिर्फ अमेरिका और इज़राइल जैसे देश ही अपनी सुरक्षा के लिए बिना समझौते के खड़े रहते थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को भी उसी सूची में ला खड़ा किया है। देश ने अब वो ताकत और इच्छाशक्ति दिखा दी है जो पहले कम ही नज़र आती थी।
शहीदों को सलाम: श्रद्धांजलि से शुरू किया संबोधन
गृह मंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत देश के लिए जान देने वाले वीर जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए की। उनके शब्द भावनाओं से भरे हुए थे—"जो जवान देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए शहीद हुए, चाहे वो केंद्रीय बलों के हों या राज्य पुलिस के, मैं उन सभी को नमन करता हूं।"
उन्होंने यह भी बताया कि गृह मंत्रालय देश के सबसे जटिल मंत्रालयों में से एक है। जहां कानून-व्यवस्था का जिम्मा राज्यों पर है, वहीं सीमाओं की सुरक्षा और राष्ट्रीय स्तर की सुरक्षा गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है। इस संतुलन को साधना आसान नहीं, लेकिन पिछले एक दशक में इसमें ऐतिहासिक बदलाव हुए हैं।
अब अपराध सीमाओं में बंधे नहीं: देश की सुरक्षा को मिली नई दिशा
शाह ने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि अब अपराध केवल किसी एक राज्य तक सीमित नहीं रह गए हैं। "आज नारकोटिक्स, साइबर क्राइम, हवाला और संगठित अपराध ऐसे हैं जो सीमाओं के पार से संचालित होते हैं। ऐसे में गृह मंत्रालय को नई तकनीक, अंतरराज्यीय समन्वय और नीति में सख्ती की ज़रूरत थी, जिसे हमने पिछले 10 सालों में पूरा किया है।"
उन्होंने यह भी जोड़ा कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने गृह मंत्रालय में वो सुधार किए हैं जो दशकों से टलते आ रहे थे। ये सिर्फ व्यवस्था में बदलाव नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा को नया आकार देने वाले कदम हैं।
कश्मीर में बदलाव की बयार: बंद सिनेमा हॉल फिर से खुले
अमित शाह ने कश्मीर में हुए सकारात्मक परिवर्तनों का ज़िक्र करते हुए कहा कि पहले जो सिनेमा हॉल दशकों से बंद पड़े थे, उन्हें अब फिर से खोला गया है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं और पठानकोट में मौजूद 'नाका परमिट' जैसे पुराने सिस्टम को खत्म कर आम लोगों को राहत दी गई है।