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8वें वेतन आयोग समाचार : 2025 के केंद्रीय बजट को लेकर कई उम्मीदें जगी हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या केंद्र सरकार कर्मचारियों की कई दिनों से चली आ रही 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग को पूरा कर रही है. पिछले बजट के दौरान भी 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर भारी दबाव था. 

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी । ऐसे में बड़ी उम्मीदें हैं कि केंद्र सरकार टैक्स छूट, महंगाई और अन्य मुद्दों पर कदम उठा सकती है. उसी तरह इस बार भी 8वें वेतन आयोग का गठन हो सकता है. यह भी उम्मीद की जा रही है कि उससे सरकारी कर्मचारियों को खुशखबरी मिल सकती है.

12 दिसंबर 2024 को केंद्रीय कर्मचारी संघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग की थी. पत्र में कहा गया है कि जिस स्थिति में महंगाई दर लगातार बढ़ रही है और रुपये की कीमत गिर रही है, उस स्थिति में कर्मचारियों के हित में 8वें वेतन आयोग का गठन जरूरी है. इसक अलावा बजट की तैयारी में जुटीं निर्मला सीतारमण से 6 जनवरी को श्रमिक संघों के साथ हुई बैठक में 8वें वेतन आयोग के गठन का भी आग्रह किया गया था.

केंद्र सरकार नकारती रही: 
कर्मचारी संगठनों के लगातार दबाव के बावजूद केंद्र सरकार इस मुद्दे से इनकार करती रही है । 3 दिसंबर 2024 को राज्यसभा में वित्त मंत्रालय ने कहा कि 8वें वेतन आयोग के गठन का प्रस्ताव केंद्र सरकार के समक्ष नहीं है. बाद में नरेंद्र मोदी ने कर्मचारी के पत्र का कोई जवाब नहीं दिया. इस बारे में निर्मला सीतारमण ने भी सफाई नहीं दी है. इन सबके बावजूद मोदी सरकार इस बार केंद्रीय कर्मचारियों के अनुरोध का सम्मान करेगी. कहा जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग का गठन हो सकता है. 

8वां आयोग बनने से क्या होगा फायदा?
मौजूदा जानकारी के मुताबिक, अगर 8वां वेतन आयोग बनता है और उसकी सिफारिशों के मुताबिक वेतन तय होता है तो केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मूल वेतन में बड़ा बदलाव होगा। अगर 2.86 के फिटमेंट फैक्टर को मंजूरी मिल जाती है तो कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगा. यदि प्रतिशत के रूप में गणना की जाए तो यह 186% हो जाता है।


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