7th Pay Commission News : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। उनकी उत्कंठा ख़त्म हो गयी. जुलाई 2024 से लागू होने वाले महंगाई भत्ते की तारीख तय हो गई है. इसकी घोषणा सितंबर के अंत में की जाएगी. अहम बात यह है कि AICPI इंडेक्स के जनवरी से जून 2024 के आंकड़ों से यह साफ हो गया है कि महंगाई भत्ता कितना बढ़ेगा. 7वें वेतन आयोग के तहत वेतन पाने वाले केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को सीधा फायदा मिलेगा। जनवरी 2024 से महंगाई भत्ता 50 फीसदी मिल रहा है. जून में AICPI इंडेक्स 1.5 अंक बढ़ा. इससे महंगाई भत्ते का स्कोर भी बढ़ गया है.
जनवरी से जून 2024 तक DA में 3% की बढ़ोतरी
AICPI-IW इंडेक्स नंबरों ने निर्धारित किया है कि कर्मचारियों को जुलाई 2024 से 3 प्रतिशत महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी मिलेगी। जून AICPI इंडेक्स में 1.5 अंक की बढ़त देखने को मिली है। मई में यह 139.9 से बढ़कर 141.4 पर पहुंच गया। महंगाई भत्ते का स्कोर 53.36 हो गया है. साफ है कि इस बार महंगाई भत्ता 3 फीसदी बढ़ाया जाएगा. जनवरी में सूचकांक 138.9 अंक पर रहा, जिससे महंगाई भत्ता बढ़कर 50.84 फीसदी हो गया.
किस महीने में कितना बढ़ा महंगाई भत्ता?
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते की घोषणा सितंबर के अंत में होने वाली है. लेकिन, इसे जुलाई 2024 से ही लागू किया जाएगा. बीच के महीनों का भुगतान देय होगा। सातवें वेतन आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 53 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जाएगा. सूत्रों की मानें तो 25 सितंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में इसका ऐलान हो सकता है. इसे एजेंडे में शामिल किया गया है. सिर्फ औपचारिक घोषणा बाकी है.
सूत्रों के मुताबिक,
महंगाई भत्ते की घोषणा सितंबर के अंत में की जाएगी, लेकिन इसका भुगतान अक्टूबर के वेतन के साथ किया जा सकता है. ऐसे में कर्मचारियों और पेंशनर्स को 3 महीने का एरियर भी मिलेगा. यह बकाया पिछले महंगाई भत्ते और नए महंगाई भत्ते के बीच का अंतर होगा। फिलहाल 50 फीसदी डीए और डीआर मिलता है. अब यह बढ़कर 53 फीसदी हो जाएगा. उसमें 50 प्रतिशत एरियर का भुगतान किया जायेगा. इसमें जुलाई, अगस्त और सितंबर शामिल हैं.
महंगाई भत्ता शून्य नहीं होगा
कर्मचारियों का महंगाई भत्ता शून्य यानी जीरो (0) नहीं होगा. महंगाई भत्ते की गणना जारी रहेगी. इसे लेकर कोई तय नियम नहीं है. पिछली बार जब ऐसा किया गया था तो आधार वर्ष बदल दिया गया था. आधार वर्ष में बदलाव की फिलहाल न तो कोई जरूरत है और न ही कोई सिफारिश. इसलिए केंद्रीय कर्मचारियों के लिए फॉरवर्ड कैलकुलेशन 50 फीसदी से ज्यादा होगा.
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