
Times News Hindi,Digital Desk : TikTok को यूरोपीय संघ (EU) ने डेटा प्राइवेसी नियमों के उल्लंघन के आरोप में लगभग 600 मिलियन डॉलर (करीब 507 करोड़ रुपये) का बड़ा जुर्माना लगाया है। आयरलैंड के डेटा सुरक्षा आयोग (DPC) की चार साल तक चली जांच में यह पाया गया कि TikTok ने यूरोप के यूजर्स का निजी डेटा चीन में ट्रांसफर किया था, जिससे उनकी प्राइवेसी को गंभीर खतरा पहुंचा।
TikTok ने माना कि कुछ यूरोपीय यूजर्स का डेटा चीन में स्टोर हुआ था, लेकिन अब यह डेटा हटा दिया गया है। कंपनी ने स्पष्ट किया कि यह डेटा कभी भी चीनी सरकार या अधिकारियों के साथ साझा नहीं किया गया। हालांकि, TikTok ने जुर्माने के इस फैसले को गलत बताते हुए इसके खिलाफ अपील करने की घोषणा की है।
DPC ने TikTok को अगले छह महीने के भीतर अपने डेटा प्रोसेसिंग सिस्टम को यूरोपीय संघ के कानूनों के अनुसार सुधारने का आदेश दिया है। अगर कंपनी ऐसा नहीं कर पाती है, तो यूरोपीय यूजर्स का डेटा चीन भेजने की प्रक्रिया पूरी तरह बंद की जा सकती है।
यूरोपीय संघ के डेटा प्रोटेक्शन नियम GDPR के तहत यह अब तक का तीसरा सबसे बड़ा जुर्माना है। इससे पहले Meta पर भी 2023 में लगभग 1.2 बिलियन यूरो का जुर्माना लगा था।
TikTok ने यूजर्स के डेटा की सुरक्षा बढ़ाने के लिए "Project Clover" नाम से यूरोप में तीन नए डेटा सेंटर बनाने की योजना बनाई है। कंपनी का दावा है कि इससे डेटा सुरक्षा के नियमों का पालन सुनिश्चित होगा।
यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेटा सुरक्षा और प्राइवेसी की बढ़ती चिंताओं को उजागर करता है। खासतौर पर मल्टीनेशनल कंपनियों के लिए यह आवश्यक है कि वे प्रत्येक देश के डेटा सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन करें।
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